राजस्थान

बीज की कमी‘’, खरीफ 2023 के तहत आदान समीक्षा बैठक आयोजित

Tara Tandi
13 Jun 2023 1:19 PM GMT
बीज की कमी‘’, खरीफ 2023 के तहत आदान समीक्षा बैठक आयोजित
x
अतिरिक्त जिला कलक्टर सत्यनारायण आमेटा की अध्यक्षता में जिले में खरीफ 2023 की उत्पादन योजना के तहत खाद, बीज एवं कीटनाशक की सुचारू व्यवस्था रखने के लिए मिनी सचिवालय सभागार में आदान समीक्षा बैठक आयोजित हुई। अतिरिक्त जिला कलक्टर ने कहा कि खरीफ 2023 के तहत जिले में उर्वरक, बीज की मांग के अनुसार कार्य योजना तैयार कर उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए जिससे काश्तकारों को किसी प्रकार की समस्या न हो। एडीएम ने कहा कि प्रत्येक सहायक कृषि अधिकारी अपने क्षेत्र में प्रतिदिन खाद, बीज विक्रय की समीक्षा एवं जिले के समस्त उर्वरक इस्पेक्टर प्रभावी रूप से व्यवस्था की मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें। एडीएम द्वारा सभी विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों व विक्रेताओं को निर्देशित किया गया कि आदान व्यवस्था में किसी भी तरह की कोई भी शिथिलता नहीं बरती जाए।
संयुक्त निदेशक कृषि अतीश कुमार शर्मा ने जिले में उपलब्ध आदान एवं आगामी मौसम खरीफ 2023 के लिए आदान व्यवस्था की जानकारी देते हुए जिले में खरीफ 2023 में विभिन्न फसलों के तहत बोया जाने वाला क्षेत्रफल, जिले की औसत वर्षा, जिले की उर्वरक, बीज, कीटनाशक की मांग एवं उपलब्धता के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि खरीफ सीजन में मुख्य रूप से सोयाबीन, मक्का, उड़द एवं धान फसलो की बुवाई 3 लाख 45 हजार हैक्टेयर में की जाती है। वर्तमान में जिले में बीज व खाद प्रर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिले में 20 हजार मैट्रिक टन यूरिया, 8500 मैट्रिक टन डीएपी एवं 17000 मैट्रिक टन सिंगल सुपर फास्फेट उपलब्ध है। विभिन्न संस्थाओं के पास 29 हजार क्विंटल सोयाबीन, 11 हजार क्विंटल मक्का एवं 8500 क्विंटल धान बीज उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि सोयाबीन के 15000 मिनिकिट, मक्का के 9000 मिनिकिट एवं उड़द के 6200 मिनिकिट का वितरण विभाग द्वारा किया जा रहा है।
संयुक्त निदेशक कृषि ने कहा कि जिले के निरीक्षकों द्वारा खरीफ आदान बीज, उर्वरक एवं किटनाशी रसायनों के नमूनें लिए जाकर सक्षम प्रयोगशाला को विश्लेषण के लिए नमूने भेजे जाएंगे ताकि गुणवत्ता पूर्ण आदान कृषकों को उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि जिले में सोयाबीन की फसल का क्षेत्र घटने की संभावना है वहीं मक्का, धान एवं उड़द की फसल के क्षेत्र में वृद्धि की संभावना है। इसी क्रम में जिले में खरीफ 2023 के तहत यूरिया, डीएपी, एसएसपी आदि उर्वरकों की उपलब्धता एवं मांग, आगामी कार्ययोजना कम्पनीवार की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। खरीफ 2023 के तहत सोयाबीन, उड़द, मक्का एवं धान की फसलों के लिए बीजों की आपूर्ति की योजना भी प्रस्तुत की गई। मुख्यमंत्री बीज स्वावलम्बन योजना के तहत उत्पादित बीज की उपलब्धता, बीज गांव योजना के तहत सोयाबीन बीज उत्पादन एवं कृषकों के पास बीज की उपलब्धता, उपचार एवं कृषकों के पास उपलब्ध बीज को बढाया देने के लिए कार्ययोजना की समीक्षा एवं गुण नियंत्रण कार्यक्रम खरीफ 2023 पर चर्चा की गई। साथ ही अन्य राज्यों से सोयाबीन बीज की प्राप्ति की संभावना एवं सोयाबीन बीज के संभावित विक्रय दरों की समीक्षा की गई।
कृषक स्वयं कर रहे सोयाबीन बीज तैयार
संयुक्त निदेशक कृषि ने बताया कि विभाग द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर 235 कृषक गोष्टियां आयोजित कर 4600 कृषकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है एवं अब तक 85000 क्विंटल सोयाबीन बीज की ग्रेडिंग का कार्य कृषक स्वयं अपने स्तर पर भी लगातार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सोयाबीन एक स्वपरागित फसल है अतः इसके बीज को हर वर्ष बदलने की आवश्यकता नहीं रहती, इसका एक बार बीज बदल दिया गया है तो उसके बीज के उत्पादन को आगे आने वाले 2-3 वर्षो तक बुवाई के काम लिया जा सकता है। जिससे फसल के उत्पादन पर कोई विपरित प्रभाव नहीं पड़ता है और ना ही उत्पादन में कमी आती है। अतः किसान भाईयों से अपील की जाती है कि आपके पास उपलब्ध बीज अथवा अन्य कृषकों के पास उपलब्ध बीज को क्रय कर उसकी सफाई एवं स्पाइरल सीड ग्रेडर से ग्रेडिंग कर बीज तैयार कर बुवाई के काम में लेवे। साथ ही किसान साफ किए हुए बीज की बुवाई पूर्व अंकुरण की जांच अवश्य करें। इस अवसर पर कृषि, उद्यान, सहकारिता, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के साथ प्राईवेट कम्पनी के प्रतिनिधि व स्थानीय खाद, बीज विक्रेता उपस्थित रहे।
Next Story