राजस्थान

बेमौसम बारिश से मसालों पर चढ़ा महंगाई का रंग

Admin Delhi 1
28 July 2023 12:01 PM GMT
बेमौसम बारिश से मसालों पर चढ़ा महंगाई का रंग
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कोटा: मार्च-अप्रैल में हुई बेमौसम बारिश के चलते सिर्फ टमाटर या नींबू ही नहीं बल्कि मसालों पर भी महंगाई का रंग चढ़ने लगा है। फिर चाहे चाय का मसाला (सौंठ, लोंग, इलायची या डोडा) हो गया फिर सब्जी का तड़का (जीरा, सौंफ)। सभी महंगाई के चलते रसोई से दूर हो रहे हैं। गरीब या आम ही नहीं अपितु सामान्य वर्ग की भी पहुंच से बाहर हैं। लोग भाव सुनकर ही कहने लगे हैं भैय्या जीरे या सौंफ की बजाय तो बादाम या किशमिश ही खा लेंगे, जिनसे कम से कम दिमाग को बढ़ेगा। मार्च एवं अप्रैल की बारिश के चलते गर्मी से भले ही लोगों ने राहत महसूस की थी, लेकिन अब रसोई का पूरा बजट बिगड़ गया है।

मसाले हो गए ड्रायफू्रट से महंगे

शहर के मसाला एवं ड्रायफ्रूट व्यापारी रवि व ताराचंद के अनुसार भावों की बात करें तो सबसे ज्यादा 620 रुपए किलो बादाम बिक रहा है, लेकिन जीरा, लोंग, काली मिर्च, इलायची के भाव इससे भी ज्यादा हैं। मार्च अप्रैल में अब जुलाई में भावों में दुगुना अंतर हो गया है। चाय एवं सब्जी के मसालों के भाव इस समय ड्रायफ्रूट से भी महंगे हो गए हैं। मसाले व्यापारियों का कहना है कि अभी की स्थिति को देखकर लग रहा है कि इस वर्ष भावों में कमी के आसार कम ही हैं। क्योंकि जिस तरह तीन-चार महीने में इनके भाव दुगुने से भी ज्यादा हो गए हैं। ऐसे में आधे भाव कम होना आसान नहीं है।

बारिश से हो गया उत्पादन कम

प्रगतिशील किसान लक्ष्मीनारायण के अनुसार फसल पकने के समय मार्च-अप्रैल में हुई बारिश के चलते एक तो उत्पादन प्रभावित हुआ, साथ ही निर्यात भी बढ़ गया है। दूसरी ओर कुछ किसानों ने भी भाव को देखकर उत्पादन बेचने की बजाय घर में ही स्टॉक कर लिया है। जिसके कारण एक साथ ही इतने भाव बढ़ गए हैं। आगामी दिनों में भाव कम होने के आसार कम ही हैं। कुछ वस्तुओं का आयात भी कम हो गया है। जिसके कारण भाव लगातार बढ़ रहे हैं। अब नई फसल आने तक भाव गिरने की उम्मीद कम ही है।

मसाला भाव

सौंठ 250 380

जीरा 280 680

सौंफ 220 320

डोडा 800 1100

लोंग 800 1000

साबूदाने 60 75

कालीमिर्च 600 700

धनिया 90 110

अजवायन 200 280

ड्रायफ्रूट भाव

बादाम 600

किशमिश 180

मखाने 520

अखरोट 550

भाव प्रति किलो रुपए में

280 से 680 पर पहुंचा जीरा

एक साल पहले जीरा 280 रुपए किलो बिक रहा था, लेकिन अब 680 पर पहुंच गया है। इसी प्रकार सौंफ 220 से बढकर 320 रुपए पर पहुंच गई है। यह तो थोक के भाव हैं। खुदरा में तो जीरा 700 रुपए किलो तक बिक रहा है। ऐसे में लोगों का बजट ही गड़बड़ा गया है। किराना व्यापारियों ने बताया कि जीरा के दाम में तेजी के कारण इसकी ग्राहकी भी काफी कम हो गई है। जो ग्राहक दुकान पर आ रहे हैं वह भी काफी मात्रा में जीरा खरीद कर ले जा रहे हैं। कुछ माह से जीरे की बिक्री कम हो गई है।

विदेशों में भी जीरे की मांग बढ़ी

देश के साथ ही विदेश में भी जीरे की मांग बढ़ने के कारण इसके भाव में लगातार इजाफा होता जा रहा है। विदेशी मांग के चलते जीरे का स्टॉक कम पड़ गया है। इसलिए मांग के हिसाब से आपूर्ति नहीं होने से जीरे की कीमत दिनों दिन नई ऊंचाई की ओर जा रही है। हाल के दिनों में राजस्थान और गुजरात और भारी बारिश हुई थी। इस कारण जीरे की नई फसल प्रभावित हुई है। मंडियों में आवक घटने के कारण इसके दाम में उछाल देखा जा रहा है।

सब्जी में जीरे का छौंक लगाए तो काफी समय हो गया है। इसके दाम अब तो काफी बढ़ गए हैं। ऐसे में कई माह से जीरा खरीदा ही नहीं हैं। पिछले वर्ष पूरे साल के हिसाब से जीरा खरीदा था। उस समय दाम कम थे, लेकिन अब दाम बढ़ने से जीरा नहीं खरीदा है।

- उर्मिला सारस्वत गृहिणी

जीरा, लोंग, काली मिर्च, इलायची के भाव काफी बढ़ गए हैं। मार्च अप्रैल में अब जुलाई में भावों में दुगुना अंतर हो गया है। चाय एवं सब्जी के मसालों के भाव इस समय ड्रायफ्रूट से भी महंगे हो गए हैं। इस वर्ष भावों में कमी के आसार कम ही हैं। क्योंकि जिस तरह तीन-चार महीने में इनके भाव दुगुने से भी ज्यादा हो गए हैं। ऐसे में आधे भाव कम होना आसान नहीं है।

- पवन अग्रवाल, मसाला व्यापारी

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