राजस्थान

भारत-पाक बॉर्डर पर घुसपैठिए को मार गिराया, BSF को तलाशी में पाकिस्तानी करेंसी

Admin4
6 Dec 2022 5:49 PM GMT
भारत-पाक बॉर्डर पर घुसपैठिए को मार गिराया, BSF को तलाशी में पाकिस्तानी करेंसी
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श्रीगंगानगर। पाकिस्तान से भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे घुसपैठिए को बीएसएफ ने मार गिराया। मारने से पहले जवानों ने चिल्लाकर उसे रुकने को कहा था, लेकिन वह आगे बढ़ता रहा। जब वह नहीं रुका तो जवानों ने फायरिंग कर दी। घुसपैठिए की पहचान नहीं हो पाई है। फिलहाल पाकिस्तान ने भी शव लेने से इनकार कर दिया है। बीएसएफ ने शव पुलिस को सौंप दिया है। मामला श्रीगंगानगर के श्रीकरनपुर से सटे बॉर्डर का है। श्रीकरनपुर के मांझीवाला गांव के पास हरमुख चौकी पर बीएसएफ जवानों ने रविवार देर रात घुसपैठिये की गतिविधि देखी थी। मृतक पाकिस्तान के किस इलाके का रहने वाला था या बेरिकेड्स पार कर कहां जा रहा था। यह जानकारी उपलब्ध नहीं है। शव श्रीकरणपुर पुलिस को सौंप दिया गया है। शव को श्री करनपुर अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है।
घुसपैठिए की तलाश में दस रुपये की पाकिस्तानी करंसी, एक सिगरेट का डिब्बा, एक छोटी रस्सी, माचिस, लाइटर आदि बरामद हुए हैं। इस संबंध में बीएसएफ ने पाक रेंजर्स के साथ फ्लैग मीटिंग की, लेकिन उन्होंने घुसपैठिए का शव लेने से इनकार कर दिया. मामले की जानकारी होने पर बीएसएफ की 77वीं बटालियन के कमांडेंट अशोक कुमार, सेक्टर मुख्यालय से कमांडेंट राजन सूद, खुफिया शाखा से डिप्टी कमांडेंट रामसिंह यादव सहित अन्य अधिकारी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गए. अधिकारियों ने मौका देखा और वीडियोग्राफी भी कराई। इसके बाद अधिकारियों ने दिन भर हरमुख चौकी पर डेरा डाला। मौके पर पुलिस एएसपी सुरेंद्रसिंह राठौर व थाना प्रभारी बलवंतराम भी पहुंचे। शव को श्री करनपुर अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है। बीएसएफ के अधिकारी मंगलवार को पाक रेंजर्स के साथ बैठक कर शव को ले जाने को कहेंगे।
बीएसएफ ने एक सप्ताह पहले सीमा पर श्रीकरनपुर इलाके में एक पाक घुसपैठिए की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया था। श्रीकरनपुर इलाके में 26 नवंबर को पाकिस्तानी घुसपैठियों ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी। तभी बीएसएफ के जवानों ने उन्हें ललकारा। जब वह नहीं रुका तो उसके पैर में गोली मार दी। घायल होने पर उसे पकड़कर पूछताछ की। पाकिस्तान के बहावल नगर के इजाफी बस्ती चक 46 फतेह का रहने वाला यह घुसपैठिया खुद को सफदर हुसैन बताता था. उस वक्त बीएसएफ ने उसे पाक रेंजर्स को सौंप दिया था। उसके पास उर्दू में लिखे एक पहचान पत्र के अलावा कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।

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