कोटा: अभी तक रोबोट इंसान के इशारे पर हर काम करता रहा है। लेकिन अब सीवरेज गटर की सफाई का काम भी रोबोट से ही किया जाएगा। यह मजाक नहीं हकीकत है। स्वायत्त शासन विभाग के निर्देश पर आरयूआईडीपी गटर सफाई रोबोट(रोबोटिम मशीनों) को खरीदेगा। कोटा शहर में नगर विकास न्यास व आरयूआईडीपी की ओर से सीवरेज लाइनें डालने का काम काफी समय से किया जा रहा है। इस काम को पूरा होने में अभी कई महीनों का समय ओर लगेगा। काम पूरा होने के बाद सीवरेज गटर की सफाई का काम रोबोट से किया जाएगा। स्वायत्त शासन विभाग की ओर से गत दिनों एक परिपत्र जारी किया गया। जिसमें जिन भी शहरों में सीवरेज का काम किया जा रहा है। वहां उनकी सफाई के लिए आरयूआईडीपी को गटर सफाई रोबोट खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन इसके लिए संबंधित नगर निगमों से सहमति पत्र लिया जाना है। आरयूआईडीपी द्वारा स्वायत्त शासन विभाग के उस परिपत्र को दोनों नगर निगमों में भेजा गया है। जहां उनके अधिकारी व्यक्तिगत रूप से महापौर व निगम आयुक्तों से सम्पर्क किया। उनसे रोबोट खरीदने के लिए सहमति पत्र ले रहे हैं।
दोनों निगम में दो-दो रोबोट मशीनें खरीदी जाएंगी
राज्य की जिन भी नगर निगमों में सीवरेज का काम चल रहा है वहां दो-दो रोबोट मशीनें खरीदी जानी हैं। जबकि नगर परिषदों व छोट शहरों में एक-एक रोबोट खरीदा जाएगा। नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण के लिए दो-दो रोबोट खरीदने के लिए स्वायत्त शासन विभाग(डीएलवी) ने निर्देश जारी किए हैं। सूत्रों के अनुसार निगम के इंजीनियरों को इस रोबोट से होने वाली सफाई व कार्य प्रणाली के बारे में प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। आरयूआईडीपी इन रोबोट को खरीदकर नगर निगमों को सौपेगा। जिससे वे उन रोबोट से सीवरेज की सफाई करवा सकेंगे।
यूं बना इंडियन रोबोट
जानकारी के अनुसार गटर सफाई रोबोट का निर्माण पूरी तरह से भारतीय है। इसे आंध्र प्रदेश के ताडीपत्ती गांव के चार युवा इंजीनियरों ने स्टार्टअप के तहत बनाया है। 24 से 25 साल के इन युवा इंजीनियरों का कहना है कि केरल समेत कई बड़े शहरों में गटर के मेन हॉल की सफाई करते समय हर साल कई सफाई कर्मियों की मौत हो जाती है। गटर में उतर कर सफाई करने से उसमें से निकलने वाली जहरीली गैसों से चर्म रोग व फेफड़े खराब होने की समस्या भी बनी रहती है। इस समस्या के समाधान के रूप में गटर सफाई रोबोट का निर्माण किया गया। करीब 50 किलो वजनी यह रोबोट पूरी तरह से मशीन के रूप में काम करता है। गटर के मेन हॉल को खोलने से लेकर गटर की गहराई व चौड़ाई के हिसाब से पाइप को सैट करता है। जहां कई सफाई कर्मचारियों को एक गटर को साफ करने में घंटों लगते हैं। वहीं यह रोबोट मात्र 20 मिनट में गटर की सफाई कर देता है। जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब इस रोबोट को देखा तो उन्होंने इसे गटर सफाई के लिए बेहतर माना। देश के कई प्रदेशों में इस रोबोट का उपयोग हो रहा है। अब राजस्थान में भी इस रोबोट से गटर की सफाई करवाने की योजना है। वहीं विदेशों में भी इस रोबोट की डिमांड होने लगी है।
मशीनों की भरमार लेकिन उपयोग गिनती का
नगर निगम सूत्रों के अनुसार दोनों नगर निगमों में वर्तमान में सफाई संसाधन समेत मशीनों की इतनी अधिक भरगार हो गई है कि उन्हें रखने की जगह तक नहीं है। गैराज छोटा पड़ रहा है। दोनों निगमों में 32 सीवरेज सफाई मशीनें होने के बाद रोजाना 10 से 20 फीसदी यानि 5 से 6 मशीनें ही काम में आ रही हैं। बाकी अधिकतर मशीनें खड़ी धूल खा रही हैं। जानकारी के अनुसार छोटी मशीन को प्राइवेट काम के लिए मंगवाने पर नगर निगम द्वारा प्रति चक्कर 750 रुपए और बड़ी मशीन का किराया 1 हजार रुपए प्रति चक्कर लिया जाता है। सूत्रों का कहना है कि निगम में पहले से ही इतनी अधिक सीवरेज सफाई मशीनें हैं कि उनका ही उपयोग नहीं हो पा रहा। ऐसे में रोबोट और खरीदकर पटक दिए जाएंगे। जिन्हें चलाने वाल ही नहीं मिलेंगे। जिससे वे लाखों के रोबोट भी कुछ समय बाद कबाड़ हो जाएंगे।
दोनों निगम में 31 सीवरेज मशीनें
कोटा में पहले जहां सीवरेज सफाई की मशीनें गिनती की थी। लेकिन दो निगम बनने के बाद सीवरेज सफाई मशीनों की भरमार हो गई है। जानकारी के अनुसार कोटा के दोनों नगर निगमों में वर्तमान में कुल 31 सीवरेज मशीनें हैं। जिनमें से कोटा उत्तर में 14 व कोटा दक्षिण में 17 मशीनें हैंो। जिनकी क्षमता 2 हजार लीटर, 35 सौ लीेटर, 45 सौ लीटर और 85 सौ लीटर है। इनके अलावा एक सुपर सकर मशीन भी है।
8 मीटर गहराई तक करेगा सफाई
सूत्रों के अनुसार एक सीवरेज रोबोट की कीमत करीब 35 लाख रुपए है। दोनों निगमों में 4 रोबोट आने हैं। जानकारी के अनुसार ये रोबोट 8मीटर गहराई तक सीवरेज की सफाई कर सकेगा। इसका संचालन कम्प्यूटराइज होगा।
पहले मेनुअल होता था अब मशीनों से हो रहा
कोटा में सीवरेज गटर की सफाई का काम बरसों से नगर निगम के सफाई कर्मचारी ह करते थे। वे गटर में उतरकर मेनुअल ही सफाई करते थे। उसमें कई तरह की परेशानी होने से मेनुअल सफाई के काम को धीरे-धीरे कम करते हुए वर्तमान में उसे पूरी तरह से खत्म सा कर दिया गया है। अब अधिकतर सीवरेज सफाई का काम मशीनों से किया जा रहा है।
इनका कहना है
स्वायत्त शासन विभाग का परिपत्र है। यह आरयूआईडीपी के माध्यम से निगम में आया है। जिसमें सीवरेज सफाई के लिए रोबोट खरीदने का निगम द्वारा सहमति पत्र दिया जाना है। वह पत्र गैराज में आया है उस पर विचार किया जा रहा है।
-अम्बालाल मीणा, कार्यवाहक आयुक्त, नगर निगम कोटा दक्षिण
स्वायत्त शासन विभाग द्वारा एक परिपत्र जारी किया है। जिसमें बड़ शहरों में दो और छोटे शहरो में एक-एक सीवरेज सफाई के लिए रोबोटिक मशनें खरीदनी हैं। रोबोट की खरीद आरयूआईडीपी को करनी है। लेकिन उसके लिए नगर निगमों से सहमति पत्र लेना है। कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण में भी दो-दो मशीनें आनी है। इसके लिए कोटा उत्तर निगम से तो सहमति पत्र प्राप्त हो गया है। कोटा दक्षिण निगम से आना शेष है। यह रोबोट 8 मीटर गहराई तक सफाई कर सकेगा। पूरा सिस्टम कम्प्यूटराइज होगा।
-राकेश गर्ग, अधीक्षण अभियंता, आरयूआईडीपी कोटा