अलवर न्यूज़: नमी बढ़ने से वायरस तेजी से फैल रहा है, लेकिन अब स्क्रब टायफस और मलेरिया के मामलों ने भी चिंता बढ़ा दी है। एक महीने में 5वें दिन मलेरिया के 23 और स्क्रब टाइफस के 29 मामले सामने आए। दो बीमारियों के सबसे ज्यादा मामले मलखेड़ा प्रखंड में दर्ज किए गए हैं। अब स्क्रब टाइफस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जबकि डेंगू के मामलों की रफ्तार धीमी है। मंगलवार को जिला अस्पताल में तीन दिन की छुट्टी के बाद छह घंटे खुली ओपीडी में मरीजों की लंबी कतार देखने को मिली। स्थानीय स्तर पर मलेरिया और स्क्रब टायफस के मामले में मलेरिया और स्क्रब टायफस के मामले सामने आए हैं।
जबकि जयपुर के एसएमएस अस्पताल में डेंगू के 85 में से 84 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं। चिकित्सा विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो मलेरिया के 23 में से 22 मामले मालाखेड़ा प्रखंड के हैं। बेरा के जंगल गांव में मलेरिया मच्छरों से फैला था, जिस पर चिकित्सा दल मुश्किल से काबू पा सके। मालाखेड़ा प्रखंड पहले से ही मलेरिया के हाई रिस्क जोन में शामिल है।
लेकिन 1 से 5 सितंबर तक स्क्रब टाइफस के 29 मामलों ने चिंता बढ़ा दी है, जिसमें अकेले मालाखेड़ा में 8 और अलवर शहर में 7 मामले शामिल हैं। गौरतलब है कि इस साल चिकनगुनिया के 9 और स्वाइन फ्लू के 7 मामले सामने आए हैं।