राजस्थान

गहलोत सरकार में अब टेंडर लेने के लिए योग्यता के साथ ऊंची पहुंच भी जरूरी

Shreya
1 Aug 2023 11:29 AM GMT
गहलोत सरकार में अब टेंडर लेने के लिए योग्यता के साथ ऊंची पहुंच भी जरूरी
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अजमेर (ब्यूरो)। करप्शन के लिए बदनाम हो चुकी गहलोत सरकार में टेंडर लेने के लिए योग्यता के साथ साथ ऊंची पहुंच भी जरूरी है। अन्यथा टेंडर मिलना संभव नहीं है। अगर फर्म की ऊंची पहुंच है तो टेन्डर में कितनी भी खामियां हों, सब ढक जाती है।

जी हां, हाल ही अजमेर नगर निगम का ही उदाहरण लें तो टेंडर कमेटी ने एक फर्म की बिना अर्नेस्ट मनी जमा कराए ही फाइनेंशियल बिड खोल दी। इस फर्म को टेक्निकली क्वालीफाई भी मान लिया गया। इससे अब वहां हर कोई हैरान है। माना जा रहा है कि ऊंची पहुंच वाली इस फर्म से प्रज़ेंटेशन का नाटक करके इसको टेंडर देना लगभग तय है।

सूत्रों के मुताबिक अजमेर नगर निगम ने 5 करोड़ रुपए की राशि से पूरे अजमेर शहर का डिजिटल सर्वे कराने और जीआईएस लेयर पर प्रॉपर्टी सर्वे का टेंडर दूसरी बार किया था। इसमें 5 कंपनियों ने भागीदारी की।

टेंडर कमेटी जिसमें राजस्व अधिकारी नीतू गुर्जर, सहायक नगर नियोजक, सहायक कंप्यूटर प्रोग्रामर संजय माथुर और सहायक लेखाधिकारी प्रवीण माथुर शामिल थे, ने 3 ही फर्मों को तकनीकी रूप से योग्य घोषित किया था।

ऊंची पहुंच और प्रभाव का ही परिणाम था कि एक फर्म ऑल इंडिया लोकल सेल्फ गर्वमेंट सोसाइटी को पूर्व में आमंत्रित बिड में सोसाइटी की छूट देकर टेंडर में शामिल किया। फिर एमएसएमई की आड़ में वित्त विभाग के निर्देशों की अवहेलना करते हुए अर्नेस्ट मनी जमा नहीं होने के बावजूद टेंडर कमेटी ने क्वालिफाई मानकर उसकी वित्तीय निविदा भी खोल दी।

नगर निगम सूत्रों की मानें तो इस फर्म के क्वालिटी सर्टिफिकेट भी चाही गई तारीख तक योग्य नहीं पाए गए। इसके अलावा चलते या पूर्व कार्यों का कोई अनुभव प्रमाण-पत्र भी इस फर्म की ओऱ से दस्तावेजों में नहीं लगाया गया। इतनी सारी कमियों के बावजूद भी टेन्डर कमेटी के सदस्यों ने इस फर्म को योग्य मान लिया।

अब टेन्डर कमेटी के विरुद्ध इस प्रकरण में जांच बिठाए जाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। क्योंकि इससे प्रभावित दूसरी अन्य फर्मों ने इसकी लीगल अपील आयुक्त सुशील कुमार, वित्त विभाग, सचिव स्थानीय निकाय विभाग, निदेशक, स्वायत शासन, मुख्यमंत्री कार्यालय, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भिजवा दी है।

इन फर्मों का कहना है कि आरपीपी एक्ट और टेंडर में आवश्यक योग्यताओं में कमेटी को छूट देने का कोई अधिकार नहीं है। कमेटी द्वारा टेन्डर शर्तों की धज्जियाँ उड़ाकर किए गए इस कार्य़ की मेयर, आयुक्त और अन्य लोगों को पूर्व में जानकारी होने के बावजूद अयोग्य फर्म की वित्तीय निविदा कमेटी द्वारा खोलने के बावजूद अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

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