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जयपुर। शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को मजबूती देने के लिए मुख्यमंत्री की मंशा से शुरू की गई मुखबिर योजना भी अब असुरक्षित व अमानक के खेल का शिकार होने लगी है. इस योजना के तहत मुखबिर को 50 हजार रुपये देने के लिए मुख्यमंत्री की तस्वीर के साथ बड़े-बड़े होर्डिंग्स का इस्तेमाल किया जा रहा है. मुखबिर के माध्यम से सूचना के बाद जयपुर के एक मामले में घी और अलवर के एक मामले में पनीर मिलावटी पाया गया, लेकिन असुरक्षित के बजाय उन्हें रुपये की राशि दी गई।खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय का तर्क है कि 50 हजार रुपये की राशि असुरक्षित श्रेणी में ही दी जाएगी। हालांकि राज्य में लगे होर्डिंग्स में इसका जिक्र नहीं है और 50 हजार रुपये में ही प्रचार किया जा रहा है.

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