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राजस्थान में 4 सीटों पर 5 दावेदार होने से बिगड़ा खेल, कांग्रेस को सताया हॉर्स ट्रेडिंग का डर, एंटी करप्शन ब्यूरो से की शिकायत

jantaserishta.com
5 Jun 2022 3:41 PM GMT
राजस्थान में 4 सीटों पर 5 दावेदार होने से बिगड़ा खेल, कांग्रेस को सताया हॉर्स ट्रेडिंग का डर, एंटी करप्शन ब्यूरो से की शिकायत
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कांग्रेस ने राजस्थान में राज्यसभा चुनाव से पहले हॉर्स ट्रेडिंग की आशंका जताई है. उसने इस संबंध में राज्य एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB)से शिकायत भी कर दी है. मालूम हो कि निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे सुभाष चंद्रा ने कहा कि हमने पहले से विधायकों का इंतजाम कर लिया है. इसलिए आए हैं और हमारी जीत तय है.

राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों पर पांच उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर राज्यसभा के लिए चुनावी मैदान में उतरे सुभाष चंद्रा को बीजेपी ने समर्थन देकर चौथी सीट के लिए मुकाबला रोचक बना दिया है. सुभाष चंद्रा ने मंगलवार को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया है, जिसके बाद राजस्थान में उलटफेर की संभावना बढ़ गई है.
कांग्रेस ने तीन, बीजेपी ने उतारा एक प्रत्याशी
राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों के लिए कांग्रेस ने तीन कैंडिडेट उतारे हैं तो बीजेपी ने एक प्रत्याशी उतारा है. विधायकों के मौजूदा आंकड़ों के लिहाज से एक सीट बीजेपी और तीन सीटें कांग्रेस के लिए कन्फर्म हैं, लेकिन सुभाष चंद्रा के निर्दलीय उतरने से अब 4 सीटों के लिए पांच कैंडिडेट मैदान में हो गए हैं, जिसके चलते चौथी सीट का मामला उलझ गया है और अब शह-मात का खेल होने के चांस हैं.
राजस्थान में ये कैंडिडेट हैं मैदान में
राज्यसभा के लिए कांग्रेस की ओर से रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी ने नामांकन पत्र दाखिल किया है, जबकि बीजेपी की तरफ से घनश्याम तिवाड़ी कैंडिडेट हैं. इसके अलावा बीजेपी ने चौथी सीट के लिए निर्दलीय उतरे सुभाष चंद्रा को अपना समर्थन दे दिया है, जिसके चलते कांग्रेस के तीसरे कैंडिडेट की राह मुश्किलों भरी हो गई. इसके लिए अब कांग्रेस प्रत्याशी को सुभाष चंद्रा से दो-दो हाथ करने होंगे, जिनके सिर पर बीजेपी का हाथ है.
जानिए किस पार्टी के पास है कितना वोट
राजस्थान विधानसभा में कुल 200 विधायक हैं. ऐसे में एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 41 वोट चाहिए. बीजेपी के पास फिलहाल 71 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 109 विधायक हैं. इस तरह बीजेपी के घनश्याम तिवाड़ी की 41 वोट के साथ जीत तय है और उसके बाद 30 वोट अतिरिक्त बचते हैं. इस तरह बीजेपी के समर्थन के बाद सुभाष चंद्रा को जीत के लिए सिर्फ 11 वोट और चाहिए होंगे.
कांग्रेस के पास फिलहाल 109 विधायकों के अलावा 13 निर्दलीय, 2 सीपीएम और दो बीटीपी के विधायक हैं. वहीं, तीन विधायक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हैं. बीजेपी के समर्थन के साथ निर्दलीय चुनाव में उतरे सुभाष चंद्रा का गणित है कि बीजेपी के 30 अतरिक्त वोटों के अलावा 3 आरएलपी, 2 बीटीपी और 6 निर्दलीय विधायक उनके साथ आ जाएंगे. निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे सुभाष चंद्रा ने कहा कि हमने पहले से विधायकों का इंतजाम कर लिया है. इसलिए आए हैं और हमारी जीत तय है.
कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर पार्टी में ही विरोध
कांग्रेस के तीनों राज्यसभा उम्मीदवार को लेकर पार्टी के अंदर विरोध है. मुख्यमंत्री गहलोत के सलाहकार और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के अलावा वरिष्ठ विधायक भरत सिंह ने कांग्रेस के तीनों बाहरी उम्मीदवारों को राजस्थान से राज्यसभा भेजने पर आपत्ति जताई है. इसके अलावा राजस्थान से आने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा भी पार्टी के तीनों बाहरी कैंडिडेट को लेकर सवाल खड़े कर चुके हैं.
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