राजस्थान

प्रतापगढ़ में रासायनिक खाद व कीटनाशकों से बिगड़ रही मिट्टी की सेहत, बीमारियों से जूझ रहे लोग

Bhumika Sahu
11 Nov 2022 2:40 PM GMT
प्रतापगढ़ में रासायनिक खाद व कीटनाशकों से बिगड़ रही मिट्टी की सेहत, बीमारियों से जूझ रहे लोग
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बीमारियों से जूझ रहे लोग
प्रतापगढ़, प्रतापगढ़ जिले में उत्पादन बढ़ाने के लिए जहां रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग बढ़ रहा है। जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति तो बढ़ रही है, लेकिन मिट्टी में जीवाणुओं की संख्या लगातार कम होती जा रही है। जिससे मिट्टी की सेहत खराब हो रही है। जिससे अब स्थिति ऐसी बनती जा रही है कि उत्पादकता नहीं बढ़ रही है, जबकि फसलों और खाद्यान्नों का पोषण मूल्य भी अपेक्षाकृत कमजोर होता जा रहा है। इसे देखते हुए किसानों को पारंपरिक खेती करनी होगी।
जिसमें गाय के गोबर की खाद का प्रयोग बहुत जरूरी है। इसके साथ ही हर साल फसल चक्र अपनाना होगा। वहीं कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा किसानों को बुवाई से पहले और सिंचाई के दौरान जैविक खाद का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है. जिससे मिट्टी की सेहत में सुधार होगा और फसलें स्वस्थ होंगी। तरल जैव उर्वरक बोने से पहले लगाने पर अत्यधिक लाभकारी होते हैं। इसका उपयोग बीज उपचार के दौरान, सिंचाई के दौरान और मिट्टी के उपचार के दौरान किया जा सकता है। कृषि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार निर्धारित मात्रा का उपयोग किया जा सकता है।
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