राजस्थान

पशु को बचाने के चक्कर में कार अनकंट्रोल होकर पेड़ से टकराई

Admin4
21 May 2023 8:22 AM GMT
पशु को बचाने के चक्कर में कार अनकंट्रोल होकर पेड़ से टकराई
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श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर अनूपगढ़ में आवारा पशुओं के कारण सड़क हादसे होते रहते हैं। कई बार यहां के लोग प्रशासन से आवारा पशुओं पर अंकुश लगाने की मांग कर चुके हैं मगर प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार रात गांव 1 पीजीएम के पास का सामने आया है। गांव 4 ए निवासी प्रमोद अपनी 6 वर्षीय बेटी नमिता और दो दोस्तों मदन और करण के साथ कार में सवार होकर अनूपगढ़ की ओर आ रहा था और गांव 1 पीजीएम के पास अचानक से आवारा पशु कार के सामने आ गया जिससे कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। इस दुर्घटना में मदनलाल गंभीर रूप से घायल हो गय। जिसे अनूपगढ़ के राजकीय चिकित्सालय से हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया जबकि प्रमोद को मामूली चोटें आई है।
कार चालक प्रमोद(28) पुत्र रामरतन निवासी 4ए ने बताया कि वह शुक्रवार रात अपनी बेटी नमिता (6), 2 दोस्त मदन लाल (22) पुत्र ओमप्रकाश, करण (25) पुत्र प्रभुराम के साथ शुक्रवार रात अपने गांव 4 ए से अनूपगढ़ किसी काम के लिए आ रहे थे। जब वह गांव 1 पीजीएम की नर्सरी के पास पहुंचे। उसी समय एक आवारा पशु उनकी कार के सामने आ गया। जिससे कार अनियंत्रित हो गई और नर्सरी में एक पेड़ से कार टकरा गई। ड्राइवर प्रमोद ने बताया कि कार के पेड़ से टकरा जाने के बाद उसने फोन से इसकी सूचना अपने परिजनों को दी और कुछ ही देर में वहां ग्रामीण भी पहुंच गए। प्रमोद ने बताया कि इस दुर्घटना में उसके दोस्त मदन को काफी चोटें लगी है जबकि उसे मामूली चोट लगी। ग्रामीणों की मदद से घायलों को अनूपगढ़ के राजकीय चिकित्सालय ले जाया गया।
जहां चिकित्सकों ने मदन लाल की हालत गंभीर होने के कारण उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया है। जबकि प्रमोद का प्राथमिक उपचार करने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। गनीमत रही कि इस दुर्घटना में 6 वर्षीय नमिता को खरोच तक नहीं आई। इस हादसे में कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। गौरतलब है कि अनूपगढ़ क्षेत्र में पूर्व में भी आवारा पशुओं के कारण कई हादसे हो चुके हैं।आवारा पशुओं की संख्या दिनों दिन बढ़ने के कारण कई युवा इसमें अपनी जान भी गंवा चुके हैं मगर प्रशासन इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है। प्रशासन के द्वारा आवारा पशुओं की समस्या से निजात देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
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