राजस्थान

प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन बताया अजोला हरे चारे का महत्व

Tara Tandi
24 Feb 2024 2:04 PM GMT
प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन बताया अजोला हरे चारे का महत्व
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श्रीगंगानगर । राजूवासए बीकानेर के अंतर्गत कार्यरत पशु विज्ञान केन्द्र, सूरतगढ द्वारा ‘‘सात दिवसीय वैज्ञानिक बकरी पालन एवं उद्यमिता’’ प्रशिक्षण शिविर आयोजित हुआ।
केन्द्र प्रभारी अधिकारी डॉ. मैंना कुमारी ने ग्याभिन बकरियों का प्रबंधन एवं गर्भावस्था विषाक्ता के बारे में जानकारी दी साथ ही नवजात मेमनो का वैज्ञानिक प्रबंधन जैसे की कोलोस्ट्रम फिडींग, गर्भनाल की देखभाल, सिंग रोधना एवं वीनिंग के बारे मे बताया तथा मेमनों में होने वाले विभिन्न रोगों जैसे कि टिटनेस, नैवल इल, फूट रोट, आदि के बारे में जानकारी दी।
डॉ. मनीष कुमार सेन ने बकरियों से होने वाली जुनोटिक बीमारियां जैसे एंथ्रेक्स, ब्रूसेलोसिस, ट्यूबरक्लोसिस आदि के बारे में विस्तार से बताया और बकरियों में होने वाले आतंरिक एवं बाह्य परजीवी रोगों के नियंत्रण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पशुपालकों को अजोला प्रदर्शनी का भ्रमण करवाया और अजोला युनिट लगाने की विधि के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम के अंत में वैज्ञानिकों द्वारा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। (फोटो सहित.2,3,4)
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