राजस्थान
आयुर्वेद में केरियर की अपार संभावनाऐं - डाँ.जुनेजा आयुर्वेद विश्वविद्यालय में प्रोफेशनल एथिक्स विषयक कार्यशाला का आयोजन
Tara Tandi
11 July 2023 12:11 PM GMT
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डाँ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास केन्द्र के तत्वाधान में जोधपुर में मंगलवार को ऑरियेन्टेशन प्रोग्राम ऑन प्रोफेशनल एथिक्स विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति एवं मुख्यवक्ता राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सर्वाधिक रेटेड आयुर्वेद विशेषज्ञ चिकित्सक एवं इंडियन वैद्या के संस्थापक डाँ. पीयूष जुनेजा ने कार्यशाला का उद्घाटन किया।
मुख्य वक्ता डाँ. पीयुष जुनेजा ने सुश्रुत सभागार में उपस्थित स्नातकोत्तर एवं स्नातक पाठयक्रमों के अध्येताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश-विदेश में आयुर्वेद की लोकप्रियता एवं स्वीकार्यता बहुत तेजी से बढ रही है जिसके फलस्वरूप आयुर्वेद स्नातकों और विशेषज्ञों की मांग बढ रही है। उन्होने कहा कि आयुर्वेद के छात्रों को अध्ययन के समानान्तर उद्यमिता और स्टार्ट-अप जैसे अपार संभावनाओं वाले विषयों की और सोचना चाहिये।
डाँ. जुनेजा ने कहा कि आयुर्वेद एक सम्पूर्ण स्वास्थ्य विज्ञान है जिसकी पंचकर्म, स्वर्णप्राशन, रसशास्त्र, औषधीय द्रव्य इत्यादि के माध्यम से अनेक जटिल रोगो का चमत्कारिक रूप से उपचार करके समाज को स्वस्थ बनाया जा सकता है, क्योंकि मात्र पश्चिमी चिकित्सा पद्धति से बडी संख्या में रोगों को ठीक नही किया जा सकता। उन्होनें अपने अनुभव साझा करते हुऐ छात्रों का आहवान किया कि अध्ययन के साथ उद्यमिता का दृष्टिकोण विकसित करें और इसके लिए अपनी सीखने की क्षमता को बढायें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए माननीय कुलपति प्रो. वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति नें कहा कि स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता के आज के समय में आयुर्वेद के माध्यम से शारीरिक एवं मानसिक व्याधियों का प्रभावी समाधान किया जा सकता है, और इसके लिए आयुर्वेद के अध्येताओं को समय की मांग के आधार पर नये स्वरूप में नवचारों और स्टार्ट-अप की ओर आगे बढना चाहिये।
डीन रिसर्च प्रो. प्रेम प्रकाश व्यास ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय में स्टार्ट-अप एवं इनोवेशन सम्बंधी जानकारी एवं जागरूगता के उद्देश्य से माननीय कुलपति के मार्गदर्शन में अनेक कार्यक्रमों के आयोजन की योजना है।
प्लेसमेंट इकाई के प्रभारी प्रोफेसर गोविन्द गुप्ता ने कहा कि स्नातर एवं स्नातकोत्तर आयुर्वेद अध्येताओं को अपनी क्षमता बढानी चाहिये ताकि वे राजकीय सेवा के अलावा स्वयं के उपक्रम स्थापित कर सकते है। उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय के बालरोग विभाग द्वारा अपनी दिसम्बर में आयोजित होने वाली अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेन्स ष्कौमारकॉन-2023ष् के पोस्टर का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया।
धन्वन्तरी - वन्दना से प्रारम्भ हुऐ कार्यक्रम में मुख्य वक्ता ड़ाँ. पीयूष जूनेजा का माननीय कुलपति प्रोफेसर प्रजापति ने साफा और शाल पहनाकर स्वागत किया तथा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीटयूट ऑफ आयुर्वेद के प्राचार्य निदेशक प्रोफेसर महेन्द्र शर्मा ने कुलपति प्रोफेसर प्रदीप प्रजापति का साफा और शाल पहनाकर स्वागत किया। मानव संसाधन विकास केन्द्र निदेशक डाँ. राकेश कुमार शर्मा ने स्वागत-भाषण करते हुए कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की। प्राचार्य प्रो. महेेन्द्र कुमार शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन एसोसिऐट प्रोफेसर मनीषा गोयल ने किया।
Tara Tandi
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