राजस्थान

परिवहन निगम क्षेत्र के अधिकांश स्टैण्डों के आसपास अवैध रूप से वाहनों का संचालन

Admindelhi1
29 April 2024 6:14 AM GMT
परिवहन निगम क्षेत्र के अधिकांश स्टैण्डों के आसपास अवैध रूप से वाहनों का संचालन
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गंगानगर में रोडवेज के बस स्टैंड के समानांतर अवैध परिवहन

श्रीगंगानगर: राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम क्षेत्र के अधिकांश स्टैण्डों के आसपास अवैध रूप से वाहनों का संचालन किया जा रहा है। जानकार सूत्रों के अनुसार इस अवैध संचालन से अकेले श्रीगंगानगर आगार को प्रतिदिन 2.5 से 3 लाख रुपए तथा राज्य को लगभग 10 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। जिला परिवहन विभाग व पुलिस प्रशासन अवैध परिचालन पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर पा रहा है. इससे रोडवेज को हर माह तीन अरब रुपये के राजस्व की चपत लग रही है। इस घाटे के कारण रोडवेज की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। मालूम हो कि प्रदेश के करीब 52 आगर डिपो से लंबे समय से अवैध वाहनों का संचालन किया जा रहा है.

अपर मुख्य सचिव ने भी लिखा: राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रेया गुहा ने भी राज्य के सभी क्षेत्रीय, अतिक्षेत्रीय और जिला परिवहन अधिकारियों को एक परिपत्र जारी कर राज्य में अवैध वाहन संचालन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संयुक्त जांच अभियान चलाने के लिए लिखा है। यह अभियान 15 फरवरी से 25 फरवरी 2024 तक चलाया जाना था। इसकी पालना में तत्कालीन प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल ने राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम आगर के सभी मुख्य प्रबंधकों को पत्र लिखा। इसमें रोडवेज बस स्टैंड के आसपास से संचालित होने वाले अवैध यात्री वाहन बस और जीप आदि के खिलाफ कई कार्रवाई की जानी थी। साथ ही रोडवेज बसों के समान रंग व मॉडल में संचालित होने वाली बसों पर भी कार्रवाई की जानी थी। इसमें परमिट शर्तों का उल्लंघन करने वाले यात्री वाहनों और एक ही परमिट पर एक से अधिक वाहनों के परिचालन की जांच करने का निर्देश दिया गया.

कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति: रोडवेज के तत्कालीन प्रबंध निदेशक के निर्देश पर श्रीगंगानगर आगार के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक दीपक भोबिया ने निगम के प्रबंधक यातायात सुरेंद्र कुमार कासनिया को पुलिस व परिवहन विभाग के साथ समन्वय कर संयुक्त जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। इस दौरान कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ, जबकि पिछले तीन साल में अवैध रूप से चलने वाले वाहनों की संख्या डेढ़ से दो गुना तक बढ़ गई है। यदि निगम स्तर पर कोई भी चालक-परिचालक विभाग को अवैध परिवहन संचालन की सूचना देता है तो विभाग समय-समय पर कार्रवाई के लिए जिला परिवहन विभाग से पत्राचार करता रहा है।

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