पुलिस ने पति को नहीं छोड़ा तो मासूम बच्चों को थाने के बाहर छोड़ गई
कोटा न्यूज: कोटा के सिमलिया थाने के बाहर एक बेरहम मां अपने कलेजे के तीन टुकड़े ठंड में ठिठुरते छोड़ गई. काफी देर तक जब वह नहीं लौटी तो पुलिसकर्मियों ने मासूम बच्चों को संभाला। कंबल की व्यवस्था की। बच्चों को खिलाया-पिलाया। बाद में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) में लाया गया। सीडब्ल्यूसी ने तीन मासूम बच्चों को क्रेच में अस्थाई आश्रय दिया है।
बाल कल्याण समिति की रोस्टर सदस्य मधुबाला शर्मा ने कहा- एक बच्ची 3 माह की है। एक बच्चा डेढ़ साल का और तीसरा बच्चा 3 साल का है। तीनों को पुलिस टीम रात में लेकर आई थी। तीनों को एक बाल गृह में अस्थायी आश्रय दिया गया था। पूछताछ में पता चला कि सिमलिया पुलिस ने किसी मामले में बच्चों के पिता को गिरफ्तार किया है। महिला बच्चों को साथ लेकर पति को छुड़ाने थाने पहुंची। शाम 6 बजे महिला ने हंगामा शुरू कर दिया। पति को छोड़ने का दबाव बनाने लगी।
पुलिस ने महिला को समझाया। लेकिन वह नहीं मानी। कुछ देर बाद महिला अपने तीनों बच्चों को थाने के बाहर ठंड में ठिठुरती छोड़कर चली गई। बच्चों के रोने की आवाज सुनकर पुलिसकर्मियों ने आसपास जांच की। तीनों मासूम बच्चे ठंड में बिलखते मिले। पुलिस टीम ने बच्चों को गर्म कपड़े पहनाए और खाने-पीने की व्यवस्था कर उनकी देखभाल की। रात 11 बजे तक पुलिस टीम महिला की तलाश करती रही। महिला के नहीं मिलने पर एसएचओ ने बाल कल्याण समिति को सूचना दी। पुलिस कर्मी बच्चों को लेकर कोटा पहुंचे।
मधुबाला शर्मा ने बताया कि तीनों बच्चे बहुत रो रहे थे। हैरानी की बात है कि कैसे एक मां ने 3 महीने के बच्चे को दूध के साथ छोड़ दिया। जब तक महिला (मां) का पता नहीं चल जाता और आगे की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती। सुरक्षा की आवश्यकता होने तक बच्चों को क्रेच में रखा जाएगा। पुलिस इस मामले में अपनी कार्रवाई कर रही है।