भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे आईएएस कुंजीलाल मीणा को यूडीएच से हटाया
जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावों से ठीक सात महीने पहले सोमवार को अपनी ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव किया है। उन्होंने पिछले दिनों भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा को हटा दिया।
मीणा को इंदिरा गांधी पंचायती राज विभाग में महानिदेशक पद पर लगाया है। हालांकि मीणा की जगह फिलहाल किसी भी अधिकारी को नहीं लगाया गया है, लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकांत को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। राज्य सरकार ने अलग-अलग आदेश जारी कर 74 आईएएस अफसरों के तबादले कर दिए। इनमें 15 अफसरों को नवगठित जिलों में विशेषाधिकारी (ओएसडी) के पद पर लगाया है। गहलोत ने अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता पर भरोसा जताया है और उन्हें खान एवं पेट्रोलियम जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी भी सौंप दी। अब तक इस विभाग को डॉ. सुबोध अग्रवाल संभाल रहे थे। हालांकि अग्रवाल को जल संसाधन विभाग की भी जिम्मेदारी दी गई है। इस सूची में आलोक गुप्ता को राज्यपाल के प्रमुख सचिव पद पर लगाया गया है। मुख्यमंत्री ने डॉ. जोगाराम पर भरोसा जताते हुए जयपुर के विकास की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त पद पर लगाया गया है। इस पद पर कार्यरत रवि जैन को पंचायती राज विभाग में भेज दिया गया।
इस सूची में दो संभागों में नए आयुक्त लगाए गए हैं। डॉ. प्रतिभा सिंह को कोटा और चौथीराम मीणा को अजमेर के संभागीय आयुक्त के पद पर लगाया गया है। गहलोत ने छह जिलों झालावाड़, अलवर, बाड़मेर, अजमेर, झुंझुनूं और भरतपुर में कलेक्टर भी बदल दिए। इसके साथ ही तीन आईएएस अफसरों के पदनाम भी बदल दिए। तीन अन्य आईएएस अफसरों को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। मुख्यमंत्री ने गत 17 मार्च को राजस्थान में 19 नए जिलों बालोतरा, सांचौर, कुचामन-डीडवाना, केकड़ी, कोटपूतली-बहरोड़, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, अनूपगढ़, डीग, खैरथल, फलौदी, सलूम्बर, शाहपुरा, ब्यावर, दूदू, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, जोधपुर पूर्व तथा जोधपुर पश्चिम और तीन नए संभागों बांसवाड़ा, पाली और सीकर की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने जयपुर और जोधपुर के चारों जिलों को छोड़कर शेष सभी 15 जिलों में विशेषाधिकारी लगा दिए। नए संभागों में फिलहाल कोई विशेषधिकारी या आयुक्त नहीं लगाया गया है।