राजस्थान

जिले में हुसैन पीर बाबा का 27वा उर्स मनाया

Shantanu Roy
10 March 2023 11:10 AM GMT
जिले में हुसैन पीर बाबा का 27वा उर्स मनाया
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बड़ी खबर
पाली। जहां अजान और आरती का ऐसा संगम होता है, वहां असल में राम और रहीम का वास होता है। ऐसा ही नजारा पाली जिले के रायपुर में देखने को मिल रहा है. झूठा रोज पर स्थित एक ऐसा धार्मिक स्थल है जहां आज भी अजान और आरती का संगम देखा जाता है। राष्ट्रीय एकता के प्रतीक हजरत हुसैन पीर बाबा की दरगाह पर साईं हुज्जत अली शाह बापू की मौजूदगी में हुसैन पीर बाबा का 27वां उर्स बड़ी धूमधाम से मनाया गया. कव्वाली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में रायपुर अनुमंडल सहित गुजरात सहित अन्य जगहों से सैकड़ों लोगों ने हजरत हुसैन पीर बाबा की मजार पर मत्था टेका। कव्वाली कार्यक्रम में कव्वाल ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी। तीर्थयात्रियों और भक्तों के सामने सुरो की गंगा भेंट की।
कार्यक्रम में गुजरात के गौतरका शरीफ के गदी नशीन खिदमाद अली शाह बापू, पाडुकलां, नागौर में गरीब शाह बापू दरगाह के गादी नशीन रमजान, बीजापुर के अमीन बाबा मलंग, करीम शाह बापू, इस्माइल शाह बापू सहित कई सूफी संत शामिल हुए. समिति की ओर से पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया। दरअसल, रायपुर शहर स्थित हजरत हुसैन पीर बाबा दरगाह और झुंझर महाराज के मंदिर में एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है. जहां एक ही परिसर में हजरत हुसैन पीर बाबा की मजार और पास ही में मस्जिद और प्राचीन झुंझर महाराज की मजार है। आसराजी का मंदिर, भगवान भोलेनाथ के पूरे परिवार का मंदिर और मां अम्बे का मंदिर यहां स्थित है। जहां मुस्लिम बाबा की समाधि पर नौपत बाजे से लोबान के बाद सलाम करते हैं, वहीं दूसरी ओर मंदिर परिसर में भी आरती और शंख की आवाज गूंजती है। बता दें कि करीब 30 साल पहले साईं हुज्जत अली शाह बापू किदारगाह आए और जामा मस्जिद के पीछे बनी बावड़ी में रहने लगे. बाद में इस दरगाह में आए और दरगाह पर आकर मंदिर में भी दरगाह को रोशन कर पूजा आरती शुरू की गई। आज हर साल देश भर से हजारों लोग आते हैं और राष्ट्रीय एकता की मिसाल कायम करते हैं।
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