जोधपुर: जोधपुर अपर सेशन न्यायाधीश (महिला उत्पीड़न) प्रकरण जोधपुर महानगर, ने पत्नी की अपील को मंजूर करते हुए भरण पोषण बढ़ाकर पांच गुणा कर दिया।
कोर्ट के अनुसार पति ने कहा कि वह बेरोजगार है। दूसरी ओर ये कहा कि उसने इंडसइंड बैंक से अस्सी हजार रुपए व अपने मित्रों और रिश्तेदारों से दस लाख रुपए का लोन ले रखा है। इससे यह पता चलता है कि पति की ओर से करीब 30 हजार रुपए मासिक ब्याज की राशि अदा की जा रही है। साबित होता है कि उसके पास सक्षम आय के साधन है।
2 हजार की जगह देना होगा 10 हजार रुपए
पत्नी के वकील हैदर आगा का यह तर्क था कि पति की ओर से पत्नी के साथ घरेलू हिंसा की गई है। इस कारण वह पर्याप्त भरण-पोषण भत्ता प्राप्त करने की अधिकारी है। उसे अधीनस्थ कोर्ट की ओर से मात्र दो हजार रुपए प्रतिमाह अंतरिम गुजारा भत्ता दिलवाया गया, जो बहुत कम और अपर्याप्त है। अधीनस्थ कोर्ट ने पत्नी के निवास के संबंध में भी कोई आदेश नहीं दिया।
मामले की सभी परिस्थितियों पर गौर करने के बाद व विशेष तौर से यह देखते हुए की पति 30 हजार रुपए मासिक ब्याज के अदा कर रहा है। भरण-पोषण की राशि पांच गुणा करते हुए पति को ये आदेश दिया कि वह 2 हजार रुपए मासिक के स्थान पर 10 हजार रुपए मासिक अपनी पत्नी को अदा करेगा। ये भी आदेश दिया कि पति को यह राशि पत्नी द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पेश करने की दिनांक से अदा करनी होगी।