राजस्थान

पशुओं में परजीवी जीवो का किस प्रकार करे वैज्ञानिक प्रबंधन

Tara Tandi
14 Sep 2023 1:28 PM GMT
पशुओं में परजीवी जीवो का किस प्रकार करे वैज्ञानिक प्रबंधन
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राजूवास बीकानेर के अंतर्गत कार्यरत पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ द्वारा पशुओं में बाहय तथा अंत परजीवी जीव बचाव विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन प्रभारी अधिकारी अरुण कुमार झीरवाल के निर्देशन में गुरूवार को किया गया किया गया। जिसमें सर्वप्रथम केंद्र के डॉ मनीष कुमार सेन ने मुख्य अतिथि डॉ अभिषेक गुप्ता सहायक आचार्य पैरासाइटोलॉजी विभाग बीकानेर तथा ऑनलाइन माध्यम से जुड़े हुए पशुपालकों का स्वागत व्यक्त किया।
डॉ. अभिषेक ने बताया कि परजीवी जीव हमारे पशुओं को प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचाते हैं जिसमें पशुओं की उत्पादन क्षमता, प्रजनन क्षमता, प्रतिरक्षा क्षमता घट जाती है, जिससे पशुपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। पशुपालक अपने पशुओं को अच्छा पोषण दे, बाड़े को सुखा रखे तथा नीम तुलसी बबुल के पत्ते खिलाने चाहिए तथा गाय, भैंस, भेड़, बकरी, छोटे बड़े सभी पशुओं में कर्मी नाशक दवा किस प्रकार देनी चाहिए तथा इसके महत्व का विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. मनीष कुमार सेन ने परजीवी जीवो से होने वाली बीमारियां जैसे थीलेरियोसिस, बेबेसियोसिस, लिसमानीयोसिस, टिक फिवर इत्यादि बीमारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा जूं व चिंचडो से हमारे पशुओं में खाज, खुजली, बाल झड़ना, हिमो प्रोटोजोआन डिजीज, दस्त लगना, एनीमिया इत्यादि समस्याओ के बारे में जानकारी दी, इनका उचित प्रबंध करना जरूरी है। डॉ. मनीष ने पशुपालकों को मिशन राजस्थान 2030 पर ऑनलाइन पोर्टल पर सुझाव देने के लिए पशुपालकों को प्रेरित किया तथा इसकी संपूर्ण प्रक्रिया बताई। कार्यक्रम के अंत में पशुपालकों ने अपने सुझाव दिए तथा प्रश्न पूछे। प्रशिक्षण शिविर में कुल 37 पशुपालकों ने भाग लिया।
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