राजस्थान

बिना सुरक्षा मापदंडों के बरसों से संचालित है हॉस्टल

Admin Delhi 1
7 Feb 2023 3:05 PM GMT
बिना सुरक्षा मापदंडों के बरसों से संचालित है हॉस्टल
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कोटा: शहर में बिना परमिशन के सैकड़ों बहुमंजिला हॉस्टल खड़े हो गए। करोड़ों रुपए की बिल्डिंग बनाने के बाद भी उनमें न तो आग से सुरक्षा के लिए फायर एनओसी है और न ही यूडी टैक्स जमा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जवाहर नगर थाना क्षेत्र स्थित वात्सल्य रेजीडेंसी हॉस्टल का। नगर निगम कोटा दक्षिण के वार्ड 79 तलवंडी क्षेत्र में आने वाला यह हॉस्टल दस मंजिला बना हुआ है। जानकारी के अनुसार करीब 24 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में बने इस हॉस्टल में 115 कमरे हैं। जिनमें 115 ही कोचिंग छात्र किराए से रह रहे हैं। हर छात्र से करीब 19 हजार 500 रुपए महीना किराया वसूल किया जा रहा है। एक महीने का किराया एडवांस लिया जा रहा है। उसके बाद भी हालत यह है कि संचालक ने इस हॉस्टल में न तो आग से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं। नगर निगम से फायर एनओसी तक नहीं ली हुई है। बिना फायर एनओसी के और बिना सुरक्षा मापदंडों के बरसों से हॉस्टल संचालित हो रहा है। जिस पर न तो नगर निगम का और न ही जिला प्रशासन का ध्यान है। नतीजा हजारों किमी. दूर से आकर इस हॉस्टल में किराए से रहने वाले पश्चिम बंगाल के जलपाई गुड़ी निवासी कोचिंग छात्र इशानशु भट्टाचार्य हॉस्टल की लापरवाही से अपनी जान गंवा चुका। अपने पिता के इकलौता बेटा होने से उस परिवार पर हॉस्टल संचालक की लापरवाही से इतना बड़ा पहाड़ टूट पड़ा कि वह परिवार बरसों से उस सदमे से बाहर नहीं निकल सकेगा।

जानकारी के अनुसार हॉस्टल बनने के बाद से अभी तक संचालक ने नगर निगम में नगरीय विकास कर(यूडी टैक्स) तक जमा नहीं कराया है। जबकि वर्तमान में हॉस्टल सचालक पर करीब 7 लाख 1 हजार 73 रुपए यूृडी टैक्स बकाया है। सूत्रों के अनुसार यदि कोई व्यवसायिक प्रतिष्ठान द्वारा एक साल यूडी टैक्स जमा नहीं कराया जाता तो निगम की ओर से उसे नोटिस देने के साथ ही सीजिंग तक की कार्यवाही कर दी जाती।लेकिन वात्सल्य रेजीडेंससी हॉस्टल के सचालक ने शुरुआत से अभी तक एक रुपए भी टैक्स जमा नहीं कराया। नगर निगम को लाखों रुपए का राजस्व नुकसान पहुंचाने के बाद भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उसका नतीजा एक बच्चे की अकाल मौत हो गई।

यूडी टैक्स जमा होने पर ही मिलेगी फायर एनओसी

नगर निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी भी संस्थान को फायर एनओसी लेने के लिए सरकार के नियमानुसार पहले यूडी टैक्स जमा करवाना होता है। लेकिन वात्सल्य रेजीडेंसी हॉस्टल के संचालक ने जब यूडी टैक्स ही जमा नहीं कराया तो उसे फायर एनओसी भी नहीं मिल सकती। हालत यह है कि निगम ने न तो फायर एनओसी नहीं होने का नोटिस दिया और न ही यूडी टैक्स जमा नहींकरवाने का।

सात दिन का नोटिस देंगे

नगर निगम के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास ने बताया कि हॉस्टल में आग से सुरक्षा संबंधी उपकरणों की जांच की गई। जांच में वहां हॉस्टल व बच्चों की क्षमता के अनुसार आग से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। हॉस्टल संचालक ने नगर निगम से फायर एनओसी भी नहीं ली हुई है। संचालक को मंगलवार को 7 दिन का नोटिस दिया जाएगा। यदि उस समय में व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होता है तो ठोेस कार्रवाई की जाएगी।

जांच में मिली खामियां ही खामियां

इस हॉस्टल की बॉलकनी की खिड़की में कमजोर जाली व रैलिंग होने से एक कोचिंग छात्र की छठी मंजिल से गिरने पर मौत होने के बाद जब नगर निगम के फायर अनुभाग और पुलिस ने जांच की तो हॉस्टल में खामियां ही खामियां पाई गई। निर्माण से लेकर आग से सुरक्षा और निगम को राजस्व नुकसान तक हर तरह की कमियां हॉस्टल में हैं। सूत्रों के अनुसार हॉस्टल में कमरे भी इतने छोछे-छोटे हैं और संकरा भी है। जिससे किसी भी तरह का हादसा होने पर एक साथ कई बच्चे बाहर तक नहीं निकल सकते हैं।

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