कोटा: कोटा को पर्यटन नगरी के रूप में पहचान दिलाने वाले विश्व स्तरीय दर्शनीय स्थल चम्बल रिवर फ्रंट का आकर्षण दिनों दिन निखरता जा रहा है। यहां क्रीसेंट में आधा दर्जन घोड़े रिवर फ्रंट को सलामी दे रहे हैं। वहीं सेंटर बिल्डिंग में पर्यटक स्वाद के साथ ही खरीदारी का भी आनंद ले सकेंगे। रिवर फ्रंट का संचालन फेैसेलिटी मैनेजमेंट द्वारा किए जाने की संभावना है। नगर विकास न्यास ने इसका टेंडर भी जारी कर दिया है। कोटा बैराज से नयापुरा स्थित रियासतकालीन पुलिया तक चम्बल नदी के दोनों किनारों पर करीब 6 किमी. में चम्बल रिवर फ्रंट का निर्माण किया जा रहा है। करीब एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से तैयार हो रहे रिवर फ्रंट का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। उसका इस माह के अंत तक उद्घाटन होने की संभावना है। रिवर फ्रंट का आकर्षण बढ़ाने के लिए हर निर्माण को हैरीटेज लुक दिया गया है। नयापुरा की तरफ से रिवर फ्रंट पर प्रवेश करने पर जहां सबसे पहले 880 सीढ़ियों वाली आधुनिक बावड़ी नजर आएगी। ऊपर से 40 गुणा 30 मीटर चौड़ी बावड़ी में चारों तरफ 880 सीढ़ियां बनाई गई है। हाड़ौती की प्रसिद्ध बावड़ियों का समावेश करते हुए इसे नया लुक दिया गया है। जिससे रात के समय लाइटिंग होने से इसका आकर्षण बढ़ सकेगा। इसके पास ही गार्डन विकसित किया गया है। उस गार्डन के पास से रिवर फ्रंट में प्रवेश किया जा सकेगा। रिवर फ्रंट पर प्रवेश करने के दौरान एक विशाल स्वागतद्वार बना है। उससे बाहर निकलते ही क्रीसेंट(अर्द्धचंद्राकार) आकार में 6 घोड़े नजर आएंगे। बांसवाड़ा पत्थर के बने ये घोड़े स्वागतद्वार के दोनों तरफ तीन-तीन विभिन्न मुद्राओं में तैयार किए गए हैं। चम्बल नदी की तरफ देखते हुए उन्हें इस तरह से लगाया गया है जैसे ये रिवर फ्रंट को सलामी देते नजर आ रहे हैं। उसके बाद जैसे-जैसे पर्यटक आगे बढ़ते जाएंगे वैसे-वैसे उन्हें एक से बेहतर एक आकर्षण देखने को मिलते रहेंगे। इसी तरह से बैराज की तरफ से प्रवेश करने पर बैराज गार्डन और वर्ल्ड क्लास फाउंटेन, चम्बल माता की विशाल मूर्ति और कैसल बिल्डिंग देखने को मिलेगी। कैसल बिल्डिग में चम्बल रिवर फ्रंट का मॉडल रखा जाएगा।
ट्राम ट्रेन नि:शुल्क और गोल्फ कोर्ट सशुल्क होगा
रिवर फ्रंट का एक तरफ 2.75 किमी. और दोनों तरफ करीब 6 किमी. का एरिया है। इस पूरे एरिया में इस तरह का निर्माण किया गया है जिसे पैदल देखने का अलग ही आनंद होगा। लेकिन यदि कोई इतना लम्बा पैदल चलने में सक्षम नहीं होगा तो उसके लिए गोल्फ कोर्ट कार भी रहेगी। जिसका निर्धारित शुल्क लिया जाएगा। जबकि रिवर फ्रंट पर पूरे समय एक ट्राम ट्रेन(, पैसेंजर्स मूवर्स) पहियों पर चलने वाली ट्रेन घूमती रहेगी। जिसका कोई चार्ज नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार पैदल चलते समय थकने पर बुजुर्ग या महिलाएं व बच्चे इस ट्रेन में बैठकर भी एक सिरे से दूसरे सिरे तक जा सकेंगे।
न्यास ने किया फैसेलिटी मैनेजमेंट का टेंडर
करीब 12 सौ करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रहे रिवर फ्रंट का संचालन फैसेलिटी मैनेजमेंट के जरिये किजा जाएगा। नगर विकास न्यास ने इसका टेंडर भी कर दिया है। सूत्रों के अनुसार करीब 25 साल के लिए इसे प्रोफिट बेस पर दिया जाएगा। जिसमें पूरे रिवर फ्रंट का सचालन फैसेलिटी मैनेजमेंट द्वारा किया जाएगा। जिसमें रिवर फ्रंट पर प्रवेश टिकट से लेकर दुकानो को लीज पर देने व अन्य किराया वसूलने समेत सभी संचालन उसी के द्वारा किया जाएगा। जो भी इस रिवर फ्रंट का संचालन करेगा वह नगर विकास न्यास को लाभांश का निर्धारित हिस्सा देगा। सूत्रों के अनुसार इसका मकसद रिवर फ्रंट की देखभाल व प्रबंधन सही रखना है।
हर घाट की अपनी अलग विशेषता
रिवर फ्रंट पर नदी के दोनों तरफ कुल 26 घाट बनाए गए हैं। जिनमें से एक छोर पर 12 और दूसरे छोर पर 14 घाट हैं। हर घाट की अपनी अलग पहचान व विशेषता है। म्यूजिकल घाट, किड्स जोन, साहित्य घाट, प्राइवेट घाट, वर्ल्ड हैरीटेज घाट समेत सभी घाट अपनी विशेषता से पर्यटकों को आकर्षित करेंगे।