
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
उदयपुर में ताजिए में आग लग गई। ऐसे में आनन-फानन हिंदू परिवार ने छत से बाल्टी से पानी डालकर आग बुझाई। वहीं एक महिला ने गुंबद ढंकने के लिए अपनी नई साड़ी दे दी।
उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद माहौल में तनाव हो गया। सैकड़ों सालों से मिलजुल कर यहां रहने वाले हिंदू और मुस्लिम भाईचारे पर सवाल उठे। राजनीतिक बयानबाजी ने और भी गहरी खाई खोदने की कोशिश की लेकिन एक बार फिर उदयपुर वासियों ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की। मंगलवार को हुई एक घटना ने साबित कर दिया कि कुछ भी हो जाए यहां दो संप्रदाय के लोग आज भी आपस में मिलजुल कर रहते हैं।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मंगलवार शाम को शहर के मोचीवाड़ा की तंग गलियों से ताजिया निकाला जा रहा था। इसी दौरान ताजिए में आग लग गई। ताजिया जहां से गुजर रहा था, वहां हिंदू परिवार का घर था। परिवार ने छत से बिना समय गंवाए आग पर पानी डालना शुरू कर दिया। जिससे गुबंद में लगी आग बुझ गई। यहां तक की ताजिए को ढंकने के लिए रेखा सोलंकी ने अपनी नई लाल साड़ी दी।
आग बुझाने में आशीष चौवाड़िया, पायल चौवाडिया, राजकुमार सोलंकी, लक्ष्य सोलंकी, कृष्णा मुंडाविया, खुश सोलंकी, लव सोलंकी, राज कुमार सोलंकी, शारदा सोलंकी, गोपाल सोलंकी, रेखा सोलंकी, नीता सोलंकी ने मदद की। जिससे एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया।
जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने सांप्रदायिक सौहार्द की ऐसी मिसाल पर खुशी जताई है। वहीं आग बुझाने वाली महिला और अन्य पुरुषों का सम्मान किया गया। गौरतलब हैं कि एक दिन पहले महाकाल की नगर भ्रमण यात्रा के दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने फूलों की वर्षा कर भाईचारे की मिसाल पेश को थी।