जयपुर न्यूज़: प्रदेश के 63 प्रतिशत विश्वविद्यालय और 92 फीसदी कॉलेजेज अभी तक राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (नैक) से ग्रेडिंग हासिल नहीं कर पाए हैं। इससे प्रदेश की उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। दूसरी ओर, नैक से मूल्यांकन नहीं होने पर विश्वविद्यालय यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन की ओर से मिलने वाली आर्थिक सहायता से भी वंचित रह सकते हैं।
यूजीसी बार-बार रिमाइंडर नोटिस जारी करके यूनिवर्सिटीज को नैक से मान्यता हासिल करने को कह रहा है। इसके बावजूद उच्च शैक्षणिक संस्थान इस कार्य में रुचि नहीं ले रहे हैं। नैक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परिषद, निरीक्षण की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा। नैक के मुश्किल मापदंडों के कारण विवि व कॉलेज निरीक्षण नहीं करवा पा रहे हैं। कई संस्थान नैक के मापदंडों पर खरा नहीं उतरने के कारण ग्रेड हासिल नहीं कर पा रहे हैं।
यूजीसी के अनुसार राजस्थान में कुल 3964 कॉलेजेज हैं। इसमें से मात्र 294 ने ही नैक से मूल्यांकन करवाया है। इसी प्रकार सरकारी व प्राइवेट को मिलाकर प्रदेश में 92 यूनिवर्सिटीज हैं। इनमें से 34 के पास ही नैक का एक्रिडिटेशन हैं। शेष 58 ने अभी तक नैक का मूल्यांकन हासिल नहीं किया है। हाल में इस संबंध में एक सवाल भी लोकसभा में पूछा गया था।