राजस्थान

अच्छी उपज क्षमता व बीमारियों रहित उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों को भारत सरकार द्वारा विमोचन के लिए चिन्हित किया जाएगा

Harrison
29 Aug 2023 4:27 PM GMT
अच्छी उपज क्षमता व बीमारियों रहित उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों को भारत सरकार द्वारा विमोचन के लिए चिन्हित किया जाएगा
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उदयपुर | उदयपुर राजस्थान कृषि महाविद्यालय में सोमवार को कृषि के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले देश के करीब चार सौ कृषि वैज्ञानिक जुटे। इस दौरान उन्होंने गेहूं और जौ का गुणवत्तापूर्ण उत्पादन बढ़ाने पर बल दिया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के महानिदेशक व सचिव कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग नई दिल्ली डॉ. हिमांशु पाठक ने बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया। पाठक ने कहा कि हम भले ही गेहूं उत्पादन में आत्मनिर्भर बन चुके हैं, लेकिन बदलते वैश्विक मौसम चक्र के मद्देनजर हमें शोध-अनुसंधान के क्षेत्र में तेजी लानी होगी।
62वीं अखिल भारतीय गेहूं व जौ अनुसंधान कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में उत्पादन को लेकर चर्चा की गई। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल (हरियाणा) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में डॉ. पाठक ने कहा कि अच्छी उपज क्षमता व बीमारियों रहित उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों को भारत सरकार द्वारा विमोचन के लिए चिन्हित किया जाएगा। इस वर्ष गेहूं की 14 व जौ की 1 किस्म को चिन्हित करने के लिए प्रस्ताव सरकार को प्रस्तुत किए जाएंगे।
इससे संतुष्ट होने की आवश्यकता नहीं: डॉ. पाठक ने कहा कि 1990-91 के दशक में देश का कुल गेहूं उत्पादन 55.14 मिलियन टन था, जो वर्ष 2022-23 में 112.74 मिलियन टन पहुंच गया। यह एक रेकॉर्ड है, लेकिन कृषि वैज्ञानिकों को इससे संतुष्ट होने की आवश्यकता नहीं। वैज्ञानिकों को चाहिए कि गेहूं की हाई प्रोटीन वाली किस्मों पर परिणामदायक काम करें। जो चपाती, ब्रेड, बिस्किट और पास्ता के लिए उपयुक्त हो।राजस्थान कृषि महाविद्यालय में गेहूं व जौ को लेकर आयोजित कार्यक्रम में मंचस्थ अतिथि तथा कार्यक्रम में मौजूद देशभर से आए कृषि वैज्ञानिक।
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