जोधपुर न्यूज: राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ पुष्पेन्द्रसिंह भाटी व जस्टिस योगेन्द्र कुमार पुरोहित की खंडपीठ ने राज्य सरकार की छूट से नीचे जाकर गलत तरीके से बीडीएस कॉलेजों में प्रवेश देने के मामले में दायर अपीलों को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने अपने अहम आदेश में कहा कि जिन कॉलेजों ने नियमों की पालना किए बगैर व राज्य सरकार की छूट से कम परसेंटाइल पर प्रवेश दिया है वो कॉलेज 50-50 लाख रुपए जुर्माने के तौर पर राजस्थान हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा करवाए।
जिन छात्रों के साथ कॉलेजों ने गलत किया है, उन्हें कॉलेज की ओर से 25 लाख रुपए दिए जाएंगे। हाईकोर्ट खंडपीठ में सुनवाई के बाद गत 26 अप्रैल को अपना निर्णय सुरक्षित रखते हुए गुरुवार को अपना निर्णय प्रनाउंस किया। हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि राज्य सरकार की स्वीकार्य छूट से भी निचले स्तर पर प्रवेश देकर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। हाईकोर्ट ने ऐसे प्रत्येक कॉलेज पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है जिसे राजस्थान हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति के समक्ष दो माह में जमा करवाने के आदेश दिए हैं।
राज्य सरकार द्वारा दी गई 15 परसेंटाइल छूट से भी कम परसेंटाइल पर प्रवेश देने पर उन सभी बीडीएस छात्रों को कॉलेज द्वारा डिग्री दी गई है तो उसे वापस जमा किया जाएगा और कॉलेज प्रत्येक छात्र को तीन माह में 25 लाख रुपए अदा करेंगी। डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रवि भंसाली व रोहिन भंसाली ने बताया कि राज्य में पहली बार नीट एग्जाम द्वारा बीडीएस कॉलेजों में प्रवेश देने के लिए 50 परसेंटाइल निर्धारित किए गए थे।