जोधपुर: प्रदेशभर में चल रही वकीलों की हड़ताल पर अब राजस्थान हाईकोर्ट ने एक्शन लिया है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को जयपुर-जोधपुर सहित प्रदेशभर के सभी बार अध्यक्ष और सचिवों को नोटिस जारी किया है। बता दे कि पिछले 18 दिनों से प्रदेशभर के वकील स्वैच्छिक कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर है। अधिवक्ताओं की मांग है कि प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाएं। वकील हड़ताल मामले में हाईकोर्ट में गुरुवार को स्वप्रेरणा से दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने प्रदेशभर के सभी बार अध्यक्ष व सचिवों को नोटिस जारी किया। अब इस मामले में 21 मार्च को सुनवाई होगी।
जस्थान हाईकोर्ट की स्पेशल डिवीजनल बेंच के कार्यवाहक चीफ जस्टिस एम एम श्रीवास्तव व जस्टिस विजय विश्नोई ने सुनवाई करते हुए वकील हड़ताल मामले में प्रदेश के सभी बार संघ को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने शपथ पत्र प्रस्तुत कर स्वैच्छिक कार्य बहिष्कार के संबंध में स्पष्टीकरण देने को कहा है। बार संघ के अध्यक्ष व सचिवों को 21 मार्च तक शपथ पत्र देना होगा। जिसमें उनसे पूछा गया है कि हड़ताल का कारण क्या है और उन पर एक्शन क्यों नही लिया जाएं। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में अब अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी।
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग
गौरतलब है कि जोधपुर में 18 फरवरी को दिनदहाड़े वकील जुगराज चौहान की बीच सड़क पर चाकुओं से गोदकर और पत्थरों से कुचलकर हत्या के बाद से ही वकीलों में आक्रोश व्याप्त है। वकील की हत्या के बाद से प्रदेशभर में बार एसोसिएशन के आह्वान पर अधिवक्ताओं ने हड़ताल कर रखी है। प्रदेशभर के वकील एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग पर अड़े हुए है। लेकिन, सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
13 मार्च को विधानसभा घेराव का ऐलान
विरोध में वकीलों ने 13 मार्च को विधानसभा घेराव का ऐलान भी कर रखा है। लेकिन, वकीलों की हड़ताल के चलते न्यायिक कार्य प्रभावित हो रहे है। वकीलों की हड़ताल के कारण रुकी हुई न्याय व्यवस्था जनता के विरुद्ध नहीं है। रोजाना हजारों परिवारों को न्याय मिलने की आस टूट रही है। सभी तारीखों को बिना सुनवाई के आगे बढ़ाया जा रहा है।