
x
नई दिल्ली: राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से इनकार और अशोक गहलोत के पर्चा दाखिल करने की घोषणा के बाद अब कांग्रेस नेता सचिन पायलट एक्शन मोड में आ गए हैं. आलाकमान ने पायलट को जयपुर पहुंचकर विधायकों से मेल मिलाप बढ़ाने की सलाह दी है. ऐसे में आलाकमान की सलाह के बाद पायलट जयपुर पहुंच गए हैं. क्योंकि अंततः विधायकों की राय ही महत्वपूर्ण होगी.
वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी और अशोक गहलोत के बीच आज सुबह करीब डेढ़ घंटे तक केरल में अहम मीटिंग हुई है. जानकार सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार बातचीत के केंद्र में एक बात अहम रही. आलाकमान चाहता है राष्ट्रीय अध्यक्ष और राजस्थान का निर्णय साथ-साथ हो. अर्थ ये है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्णय से पहले राजस्थान का निर्णय किया जाए. इस दौरान सीएम गहलोत ने राजस्थान की चुनावी राजनीति को लेकर मंतव्य बता दिया.
अभी तक इस संवेदनशील मुद्दे पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ:
हालांकि अभी तक इस संवेदनशील मुद्दे पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. आज सोनिया और गहलोत की मुलाकात के बाद ही इस बारे में अंतिम फैसला होगा. लेकिन इस 'स्टेज' पर इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. अब पायलट या सीपी दोनों में से किसी एक नाम पर मुहर लग सकती है. हालांकि कुछ लोग डोटासरा को भी 'डार्क हॉर्स' बता रहे हैं.
गहलोत इस सारे प्रकरण को बेहद संजीदगी और एक अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में हैंडल कर रहे:
इधर गहलोत आज जयपुर लौट रहे हैं. ऐसे में इस दौरान 8, सिविल लाइंस पर बड़ी संख्या में कांग्रेस विधायक मौजूद रह सकते हैं. चूंकि गहलोत इस सारे प्रकरण को बेहद संजीदगी और एक अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में हैंडल कर रहे हैं. अलबत्ता फिर भी आलाकमान की घोषणा से पहले एक बार बड़े पैमाने पर विधायकों के स्वर मुखर हो सकते हैं. लेकिन यदि घोषित हुआ पायलट का नाम तो क्या सचमुच कोई कर पाएगा प्रियंका के कैंडिडेट का विरोध
न्यूज़क्रेडिट: firstindianews
Next Story