राजस्थान
यहां भगवान को आकर्षक आंगी पहनाते हैं, हर रोज बनती है अलग-अलग
Manish Sahu
20 Aug 2023 12:05 PM GMT
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राजस्थान: देश भर में जैन समुदाय के सबसे पवित्र पर्वाधिराज पर्यूषण महापर्व की गूँज है. जिनालयों और दादावाड़ी में भक्ति के जयघोष से आसमाँ गुंजायमान हो रहा है. अलग अलग जगहों की तरह भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर में भी जिनालयों में भगवान की आंगी को बेहद आकर्षक तरीके से बनाया जा रहा है.
दरअसल आंगी भगवान की मूर्ति पर पहनाया जाने वाला वस्त्र होता है जिन्हें पवित्र पर्वाधिराज पर्यूषण महापर्व के दौरान शाम को बेहद खास आधारों से बनाकर पहनाया जाता है. बाड़मेर के चिंतामणी पार्श्वनाथ, कुशल वाटिका, महावीर वाटिका, गोंडी पार्श्वनाथ, कल्याणपुरा पार्श्वनाथ, भगवान चन्द्रप्रभ मन्दिर, लीलरिया धोरा मन्दिर, महावीर भगवान मन्दिर, विद्यापीठ, मुनि सुव्रत स्वामी मंदिर, सोहन नाड़ी मन्दिर सहित विभिन्न मंदिरों में 24 तीर्थंकरों की मूर्तियों के साथ साथ दादा गुरुदेव की मूर्तियों को अलग-अलग आंगी से सजाया जा रहा है.
बाड़मेर के अचलगच्छ साधना भवन में चल रहे चातुर्मास के दौरान बात करते हुए साध्वी नीतिगुणा श्री जी ने बताया कि पवित्र पर्वाधिराज पर्यूषण महापर्व के दौरान मंदिरों पर भव्य रोशनी की गई है वहीं भगवान की मूर्ति का नित्य पूजन व अभिषेक किया गया है. बाड़मेर के जैन समाज के श्रद्धालु हर रोज भगवान की मनोहारी आंगी को सजाते है.
आंगी को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ नजर आ रही है. बाड़मेर में गुलाब के फूल, मोती, हीरे, स्वर्ण आभूषण, चांदी, मखमल के वस्त्र, मोगरा, केवड़ा, जरी, कनेर सहित कई अलग-अलग आधारों से आंगी को बनाया जा रहा है. भगवान की यह आंगी शाम 7 बजे तैयार हो जाती है जोकि सुबह पक्षाल पूजा तक बनी रहती है. ऐसे में बाड़मेर शहर के हर जैन मंदिर में आंगी के दर्शन करने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा नजर आ रहा है और जिनशासन के जयकारे हर तरफ गूंजते नजर आ रहे है.
Manish Sahu
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