राजस्थान

आंधी के साथ तेज बरसात, आज भी 7 जिलों में अलर्ट

Admin4
6 April 2023 7:46 AM GMT
आंधी के साथ तेज बरसात, आज भी 7 जिलों में अलर्ट
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भरतपुर। भरतपुर राजस्थान में बीती रात जयपुर, बीकानेर संभाग के कई जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश हुई। कुछ इलाकों में ओले भी गिरे। बीकानेर के नापासर में आकाशीय बिजली गिरने से खेत में काम कर रहे दो भाइयों की मौत हो गई। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इस सिस्टम का असर आज 7 जिलों में भी रह सकता है। इधर, जयपुर समेत प्रदेश के कई शहरों में तापमान में भी गिरावट रही है। जयपुर में सोमवार रात करीब 10 बजे बाद से ही तेज हवाएं चलनी शुरू हो गई थी। पहले बूंदाबांदी शुरू हुई फिर रात करीब 1 बजे बाद गरज-चमक के साथ तेज पानी बरसा। चारदीवारी एरिया में कहीं-कहीं ओले भी गिरे।
जयपुर मौसम केंद्र ने रात में सांगानेर के आसपास 6.5MM बारिश दर्ज की। इस दौरान 10 से 15 किलोमीटर स्पीड से धूलभरी तेज हवा चली। जयपुर शहर के अलावा ग्रामीण इलाके आमेर, चौंमू, चाकसू, बस्सी, शाहपुरा, पावटा, किशनगढ़-रेनवाल, जोबनेर, दूदू, सांभर, माधोराजपुरा, मौजमाबाद समेत कई जगह 2 से लेकर 11MM तक बरसात हुई। जयपुर के अलावा कल देर शाम जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर गंगानगर, हनुमानगढ़, झुंझुनूं में भी आंधी के साथ बारिश हुई। बीकानेर के नोखा में 7MM पानी गिरा। इसके अलावा यहां कई जगह ओले भी गिरे। गंगानगर के रावला, हनुमानगढ़ के रावतसर, पल्लू, भादरा में भी देर रात बारिश के साथ ओले गिरे। बीकानेर के गाढ़वाला गांव में देर रात दो सगे भाइयों की बिजली गिरने से मौत हो गई। दोनों यहां बजरंग धोरा के पास खेत में गेहूं की फसल काटने के लिए रुके हुए थे। बिजली से दोनों भाई झुलस गए, दोनों को पीबीएम अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
राजस्थान में आज इस नए वेदर सिस्टम(वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) का असर भरतपुर संभाग में रहेगा। आज भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, टोंक, बूंदी, भीलवाड़ा में बादल छाने के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हाे सकती है। 5 अप्रैल से इस सिस्टम का असर खत्म होने लगेगा और मौसम शुष्क होने के साथ ही तापमान बढ़ने लगेगा। संभावना है कि इस सप्ताह के अंत तक प्रदेश में मौसम साफ ही रहेगा। अनूपगढ़ क्षेत्र सोमवार सुबह से ही घने काले बादल छाए रहे। देर रात को तेज गर्जना के साथ बरसात शुरू हो गई। बरसात के साथ अनूपगढ़ क्षेत्र के कुछ गांवों में ओलावृष्टि भी हुई है। ओलावृष्टि होने से किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। खेतों में खड़ी गेहूं की फसल और कटाई की गई सरसों की फसल के खराब होने की आशंका बढ़ गई है।
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