राजस्थान

पानी की बढ़ती मात्रा से तेज हो रही धड़कनें

Shreya
22 July 2023 11:30 AM GMT
पानी की बढ़ती मात्रा से तेज हो रही धड़कनें
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श्रीगंगानगर/ हनुमानगढ़: नाली बैड और सेमनाले में रुक-रुककर पानी की बढ़ती मात्रा हर किसी की धड़कनें तेज कर रही हैं. हालांकि सेमनाला और घग्घर बहाव क्षेत्र में क्षमता से अधिक पानी की आवक होने के बाद भी अभी तक स्थिति कंट्रोल में है. औटू हैड से पानी की मात्रा स्थिर नहीं होने से अधिकारियों के हाथ-पांव फूले हुए हैं. सेमनाला और नाली बेड की क्षमता पूरी होने पर अब सवाल यह है कि क्या नाली बेड वर्तमान में चल रहे पानी की मात्रा से अधिक पानी झेल पाएगा? अब अगर और पानी आया तो कहां छोड़ा जाएगा, प्रशासन इस सवाल का जवाब ढूंढने का प्रयास कर रहा है.

ओटू हैड से भी Rajasthan क्षेत्र के लिए प्रवाहित पानी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. घग्घर नदी का जल स्तर लगातार बढऩे से तटबंध कमजोर होते जा रहे हैं. अगले 24 घंटे जिले के लिए बेहद चिंताजनक हैं. रावतसर के पास गांव खेदासरी में तो सेमनाले का पानी सड़क को क्रॉस कर गया है. पिछले 24 घंटों में Rajasthan में 2902 क्यूसेक पानी बढ़ा अगर Friday सुबह 10 बजे से लेकर Saturday सुबह 10 बजे तक 24 घंटों की अवधि पर नजर डालें तो Rajasthan में 2902 क्यूसेक पानी की आवक बढ़ गई है. यह बढ़ी हुई मात्रा कल से 1537 क्यूसेक ज्यादा है. वहीं औटू हैड पर 700 घग्घर साइफन में 2248, घग्घर बहाव क्षेत्र में 500, सेमनाला में 1785 और आईजीएनपी में 654 क्यूसेक पानी की आवक बढ़ाई गई है.

अभी और कितना पानी आएगा यह बताना मुश्किल : कलेक्टर

घग्घर बहाव क्षेत्र में पानी की रिकार्ड आवक हो रही है. इससे प्रशासन में ‘टेंशन’ है. Collector रुक्मणि रियार के चेहरे पर चिंता की रेखाएं साफ नजर आ रही हैं. हालांकि वे दृढ़ता से कहती हैं कि हम सब मिलकर इस संभावित विपदा का सामना करने के लिए तैयार हैं. Collector रुक्मणि रियार कहती हैं, ‘दो दिन क्रिटिकल इसलिए है क्योंकि ओटू से अब भी 40 हजार 700 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है. हमारी कोशिश है कि अंतिम समय तक भी हनुमानगढ़ के लोगों पर आपदा का असर नहीं आने दें. निचले इलाके में रहने वाले लोगों से बार-बार कहा है कि वे सुरक्षित स्थानों या फिर राहत कैम्प में शिफ्ट हो जाएं.’ आखिर, और कितना आएगा पानी ? इस सवाल पर Collector ने कहा कि यह बताना किसी के लिए मुमकिन नहीं. बकौल डीएम रुक्मणि रियार ‘यह बताना मेरे लिए भी मुश्किल है. Collector ने माना कि अगर ओटू से ज्यादा पानी आता है तो उसे सेमनाला व नालीबेल्ट में प्रवाहित करने के अलावा हमारे पास कोई ऑप्शन नहीं है.

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