राजस्थान

निगम में सफाई मशीनों का अम्बार, फिर भी जबरन देने को तैयार

Admin Delhi 1
8 April 2023 3:03 PM GMT
निगम में सफाई मशीनों का अम्बार, फिर भी जबरन देने को तैयार
x

कोटा: भाजपा बोर्ड में सफाई के संसाधनों व मशीनरी की कमी से जूझने वाले नगर निगम में कांग्रेस का बोर्ड बनते ही मशीनरी का इतना अम्बार हो गया है कि गैराज में वाहन रखने की जगह तक नहीं है। उसके बावजूद भी स्वायत्त शासन विभाग(डीएलबी) से आएै दिन नई-नई मशीनरी मंगवाने के लिए प्रस्ताव लिए जा रहे हैं। जबकि निगम को उन वाहनों की आवश्यकता ही नहीं है। पिछले भाजपा बोर्ड में नगर निगम में वाहनों की इतनी अधिक कमी थी कि सभी वार्डों में सफाई के संसाधन तक नहीं पहुंच पाते थे। टिपरों से लेकर सीवरेज मशीनों तक के लिए लोगों को परेशान होना पडता था। पार्षद संसाधनों की कमी होने से अपनी मजबूृरी बता देते थे। लेकिन दो नगर निगम होने और दोनों में कांग्रेस का बोर्ड बनने के साथ ही नगर निगम में सफाई के संसाधनों का अम्बार ही लग गया। बोर्ड बनने के बाद से दोनों नगर निगमों में लगातार सफाई से लेकर हर तरह के संसाधन व मशीनरी आ रही है। छोटे-छोटे संसाधनों से लेकर बड़ी-बड़ी मशीनरी तक निगम में इतनी अधिक हो गई हैं कि अब तो निगम के गैराज में ही उन्हें रखने की जगह नहीं है। उसके बाद भी डीएलबी से आए दिन नए वाहन व मशीनरी भेजने के लिए निगम से प्रस्वाव लिए जा रहे हैं।

थ्री इन वन मशीन का प्रस्ताव

डीएलबी ने नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण को पत्र भेजकर उनके यहां थ्री इन वन मशीनें भेजने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। सूत्रों के अनुसार डीएलबी से मिले पत्र में पूछा गया है कि उनके यहां थ्री इन वन मशीनें कितनी हैं और उन्हें कितनी मशीनों की आवश्यकया है। सूत्रों के अनुसार दोनों निगमों में इस तरह की अभी तक तो कोई मशीन नहीं है। लेकिन निगम को इस मशीनरी की आवश्यकता भी नहीं है। इसका कारण कोटा दक्षिण निगम में तो अभी इसे मंगवाने न मंगवाने के संबंध में उच्च स्तर पर चर्चा की जा रही है। जबकि कोटा उत्तर निगम में तो इस तरह की मशीनरी की आवश्यकता नहीं होने संबंधी पत्र डीएलबी को भेजा भी जा चुका है। सूत्रों के अनुसार यह मशीन सीवरेज सफाई से संबंधित बताई जा रही है।

इससे पहले सीवर रोबोट का मांगा था प्रस्ताव

स्रायत्त शासन विभाग द्वारा कुछ समय पहले सीवर रोबोर्ट मंगवाने संबंधी प्रस्ताव मांगा गया था। उस रोबोर्ट को आरयूआईडीपी द्वारा क्रय किया जाएगा। जिन्हें सीवरेज सफाई के लिए रा’य की सभी नगर निगमों को भेजने की योजना है। यह रोबोर्ट काफी गहराई तक और कम जगह पर भी सीवरेज की सफाई करने में सक्षम बताया जा रहा है। जिससे सीवरेज सफाई के काम को मानव रहित किया जा सके। हालांकि नगर निगम कोटा दक्षिण ने तो इसे भेजने से ही इनकार कर दिया था। यह रोबोर्ट अभी तक कोटा नगर निगम को नहीं मिले हैं। कुछ समय पहले ही कचरे की छटनी के लिए फटका मशीन भेजी गई है। जिसे नांता स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड पर भेजा गया है।

पहले से ही संसाधनों का अम्बार

नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण में पहले से ही सफाई के संसाधनों व मशीनरी का इतना अधिक अम्बार है कि उन्हें रखने की जगह तक नहीं है। सीवरेज सफाई की छोटी से बड़ी तक दोनों निगमों में आवश्यकता से अधिक मशीनें भेजी जा चुकी हैं। रोड स्वीपर मशीनें जरूरत से अधिक भेज दी गई है। जबकि उनका अभी तक पूरी तरह से उपयोग तक नहीं हो सका है। सुपर सकर मशीन का तो आने के बाद से शायद ही उपयोग हुआ होगा। एंटी स्मॉग मन मशीनें दोनों निगमों में इतनी अधिक हैं कि उनमें से कुछ ही शहर में चलती हुई नजर आती हैं। निगम में ऐसी कई मशीनें हैं जो निगम पर बोझ बनी हुई हैं। उसके बाद भी डीएलबी आए दिन निगम से नई-नई मशीनें मंगवाने के लिए पत्र भेज रहा है।

मशीनरी नहीं अधिकारी लगाएं

नगर निगम कोटा दक्षिण के भाजपा पार्षदों गोपाल राम मंडा व गिर्राज महावर का कहना है कि निगम में सफाई के संसाधन व मशीनरी तो आवश्यकता से ’यादा हो गई है। जिनमें से बहुत कम का ही उपयोग हो रहा है। लाखों-करोड़ों रुपए की मशीनें काम नहीं आने पर कुछ समय बाद कबाड़ होने की स्थिति में आ जाएंगी। पार्षदों का कहना है कि फायर अनुभाग में ही दो-दो बड़ी हाईड्रोलिक दमकलें भेज दी है। पहले एक हाईड्रोलिक दमकल का ही उपयोग नहीं हो पा रहा। अब 15 करोड़ की बड़ी हाइड्रोलिक लेडर दमकल और भेज दी। निगम ने अभी उसका ट्रायल किया है उसके बाद उसकी जरूरत भी नहीं पड़ेगी। पार्षदों का कहना है कि हालत यह है कई मशीनों को तो चलाने के लिए निगम के पास चालक तक नहीं है। किसी का ओएण्ड एम तक नहीं हुआ है। इस कारण से उन मशीनों को चला पाना भी संभव नहीं हो रहा है। इधर नगर निगम के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि डीएलबी ने थ्री इन वन सीवर मशीन के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा है। लेकिन निगम में फिलहाल इतनी अधिक मशीनें हैं कि उनका ही पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसे में डीएलबी को पत्र के माध्यम से इन मशीनों की आवश्यकता नहीं होने की जानकारी भेज दी गई है।

Next Story