राजस्थान

एक किलो वजन और उठा लेते तो कांस्य मिलता, मेडल से चूके अजय

Gulabi Jagat
2 Aug 2022 9:19 AM GMT
एक किलो वजन और उठा लेते तो कांस्य मिलता, मेडल से चूके अजय
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मेडल से चूके अजय
झुंझुनू पास के गांव खुदोट के भारोत्तोलक अजय सिंह शेखावत बकिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में पदक से चूक गए। वह फाइनल राउंड में सिर्फ एक किलो वजन से कांस्य पदक से वंचित हो गए थे। पुरुषों के भारोत्तोलन में 81 किग्रा भार वर्ग में अजय सिंह ने स्नैच में 143 किग्रा भार उठाया। वह क्लीन एंड जर्क में 176 किलो वजन उठाने में सफल रहे। यानी कुल मिलाकर उन्होंने 319 किलो वजन उठाया। इस इवेंट का गोल्ड मेडल इंग्लैंड के क्रिस मरे ने जीता था। मरे ने स्नैच और क्लीन एंड जर्क में कुल 325 किग्रा भार उठाया। ऑस्ट्रेलिया के काइल ब्रूक्स ने 323 किग्रा भार उठाकर रजत और कनाडा के निकोलस वाचोन ने 320 किग्रा भार उठाकर कांस्य पदक अपने नाम किया। यानी अगर अजय सिंह ने क्लीन एंड जर्क के अपने आखिरी प्रयास में 180 किलो वजन उठाया होता तो उसे कांस्य या रजत पदक जरूर मिलता। अजय सिंह पहले प्रयास में 138 किग्रा, दूसरे प्रयास में 140 और तीसरे प्रयास में 143 किग्रा वजन उठाने में सफल रहे।
हालांकि तीसरे प्रयास में वह थोड़ा परेशान दिखे। उन्होंने क्लीन एंड जर्क के अपने पहले प्रयास में 172 किग्रा वजन उठाया। उन्होंने दूसरे प्रयास में 176 किग्रा वजन उठाया। लेकिन तीसरे प्रयास में 181 किलो वजन उठाने में सफल नहीं हो सके। अजय सिंह का परिवार फिलहाल जयपुर में रह रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उनका एक किलो वजन कम हो गया है। लेकिन अगली बार मजबूती के साथ वापसी करेंगे। हमें पूरा भरोसा है। अजय सिंह को राजस्थान सरकार द्वारा महाराणा प्रताप पुरस्कार दिया गया है। राष्ट्रमंडल खेल-2022 में अजय पदक से जरूर चूके हैं, लेकिन भारोत्तोलन में वह अब तक कई बार देश का नाम रोशन कर चुके हैं। उन्होंने वर्ष 2011 से 2014 तक लगातार राज्य स्तर पर स्वर्ण पदक जीतकर कीर्तिमान स्थापित किया है। अजय अब तक 22 साल की उम्र में 7 इंटरनेशनल मेडल जीत चुके हैं। अजय के पिता धर्मपाल सिंह ने बताया कि अजय ने इसे चैलेंज के तौर पर लिया है। उनका अगला लक्ष्य ओलंपिक टिकट हासिल करना है।
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