राजस्थान

गुलजार ने सुनाई नज्में, लूटी वाहवाही

Admin Delhi 1
21 Jan 2023 2:01 PM GMT
गुलजार ने सुनाई नज्में, लूटी वाहवाही
x

जयपुर: जेएलएफ के फ्रंटलॉन में हुए ए पोएम डे : 365 सेशन में गीतकार गुलजार ने कहा कि जितनी अंग्रेजी नेशनल भाषा है। उतनी ही अन्य भाषाएं मराठी, तमिल सहित अन्य भी नेशनल है, जिन्हें रीजनल नाम दिया गया है। गुलजार ने कहा कि काश मेरी 5 प्रतिशत भी जावेद अख्तर जैसी जितनी याददाश्त होती तो आज मुझे पुस्तक में से देखकर पढ़नी नहीं पढ़ती। गुलजार ने बताया कि उनकी बुक ए पोएम ए डे में देश भर के कवियों के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के कुछ महत्वपूर्ण कवियों की कविताओं से चुनकर बुना गया है। इसमें 365 दिनों के हिसाब से प्रत्येक दिन एक कविता को समर्पित है। इसमें 279 कवियों और 34 भाषाओं के कवि/कवयित्रियों को यहां शामिल किया है। इसे तैयार करने में 9 साल लगे। इसे भारतीय जुबान में लिखा गया है। एक गंभीर मुद्दे पर सत्र के बाद ए पोएम ए डे सत्र में गुलजार ने अपनी नर्म नज्मों से श्रोताओं के दिलों को सुकून पहुंचाया। पुस्तक में गुलजार द्वारा संकलित की हुई 365 नज्मों का संग्रह है।

उन्होंने 1947 से 2017 तक के 365 शायरों की समकालीन कविताएं एकत्र कर हिंदुस्तानी में उनका अनुवाद किया है। इस संग्रह की आवश्यकता के बारे में उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को लगता है कि शायरी टेक्स्ट बुक का मसला है। वो उसे रोजमर्रा की चीजों से जोड़ कर नहीं देख पा रहे, तो उन्हीं के लिए मैंने ये समकालीन कविताएं जोड़ी हैं। इनके माध्यम से वो बदलते हुए समय की नब्ज भी समझ पाएंगे। गुलजार ने इस दौरान कुछ नज्में सुनाकर लोगों की वाहवाही लूटी।

Next Story