कोटा: जिस तरह से शिक्षा का अधिकार और सूचना का अधिकार दिया गया है। उसी तरह से शिक्षित युवाओं को रोजगार का अधिकार व गारंटी भी दी जानी चाहिए तभी उनकी शिक्षा का लाभ मिलेगा और परिवार को आर्थिक सम्बल। साथ ही सरकारी नौकरियों के लिए भर्तियां निकालना ही पर्याप्त नहीं है। उन्हें अंजाम तक पहुंचाना भी होगी। प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर बार-बार लीक होने की बन चुकी परम्परा पर लगाम लगाने की जरूरत है। कुछ इसी तरह की उम्मीद है युवाओं को राज्य सरकार द्वारा अगले माह पेश होने वाले बजट से। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत दिनों घोषणा की थी कि इस बार पेश होने वाला बजट महिलाओं व युवाओं पर आधारित होगा। उन्हें फोकस करते हुए ही बजट बनाया जा रहा है। ऐसे में कोटा के शिक्षित युवा, बेरोजगार इंजीनियर और कामकाजी युवाओं की सरकार से उनकी उम्मीदों को पूरा करने की अपेक्षा है।
पेपर लीक पर लगे लगाम और कार्रवाई हो: राज्य सरकार की ओर से नौकरियों के लिए भर्तियां तो निकाली जा रही है। शिक्षित युवा बेरोजगार को उससे उम्मीद भी बन रही है। वह कोचिंग कर उन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहे हैं। लेकिन परीक्षा वाले दिन या एक दिन पहले पेपर लीक होने से युवाओं के सपनों पर पानी फिर रहा है। निराश होकर युवा गलत राह अपना रहे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के बजट में पुख्ता प्रावधान हो। साथ ही इस तरह का काम करने वालों के खिलाफ समय पर सख्त कार्रवाई के प्रावधान किए जाएं। जिससे इस तरह का काम करने वालों में भय पैदा हो।
-श्रीमत बोहरा, बेरोजगार युवा:
शिक्षा के मुताबिक हो नौकरी की सुविधा
कोटा समेत देश में सबसे अधिक बेरोजगार इंजीनियर हैं। बीटेक व बीसीए करने के बाद भी उन्हें उनकी शिक्षा के मुताबिक न तो नौकरी मिल रही है और न ही वेतन। जिससे शिक्षित इंजीनियरो में निराशा का भाव पैदा हो रहा है। सरकार सरकारी नौकरी नहीं दे सकती तो प्राइवेट सेक्टर में ही इस तरह के रोजगार सृजित किए जाएं जिससे लाखों रुपए खर्च कर इंजीनियर बनने के बाद उन्हें उनकी शिक्षा के अनुरूप नौकरी मिल सके। जिससे वह स्वयं और परिवार का पालन कर सके। वरना उसकी पढ़ाई का कोई मतलब ही नहीं रहेगा। सरकार को बजट में युवाओं को रोजगार देने पर फोकस करने की जरूरत है।
-दिलीप गुजर, शिक्षित इंजीनियर
पदक दिलाने वाले खेलों को मिलेगी सुुविधा व प्रोत्साहन
केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से वैसे तो खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोटा में भी राष्ट्रय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के इनडोर स्टेडियम बना दिए गए हैं। इसके साथ ही जिस खेल में कोटा के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर पदक ला रहे हैं उनके लिए भी सुविधाएÞं विकसित की जाए। विशेष रूप से कोटा में बॉक्सिंग की रिंग बनाई जाए। साथ ही खिलाड़ियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को समय पर देने की व्यवस्था की जाए। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले खिलाड़यों को सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा तो की हुई है लेकिन वर्ष 2017 के बाद से राशि नहीं मिली है। जिससे खिलाड़ी हताश हो रहे हैं। खेल मैदान व स्टेडियमों का सचालन खिलाड़ियों के हाथोंÞ में ही दिया जाना चाहिए।
-अशोक गौतम, खिलाड़ी
रोजगार का इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो
सरकार को चाहिए कि कोटा समेत अन्य शहरों में रोजगार के इंफ्रास्ट्रक् चर विकसित किए जाएं। जिससे युवाओं को उनके शहर में ही रोजगार मिल सके। इलेक्ट्रीकल में बीटेक करने के बाद कोटा में नौकरी नहीं मिलने पर घर से दूर गुरुग्राम में प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने को मजबूर होना पड़ रहा है। कोटा में नई फैक्ट्री व प्लांट लगने की घोषणा बजट में होनी चाहिए। जिससे रोजगार के अवसर सृजित होंगे और सरकार को राजस्व भी मिलेगा। सरकार हर वर्ग को ध्यान में रखकर बजट बनाती है लेकिन उसमें युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार देने पर फोकस किया जाए तो बेहतर होगा। इंजीनियर बनने के बाद भी उन्हें दूसरा काम करना पड़े तो इससे न तो उसकी स्किल डवलप हो पाती है और न ही अनुभव काम आता है।
-सागर त्योहारिया, कामकाजी युवा
रोजगार परक हो बजट
सरकार हर साल बजट बनाती है। उसे पेश भी करती है। लेकिन उसे सही ढंग से न तो लागू कर पाती है और न ही बजट घोषणाएं पूरी हो पाती है। सरकार नौकरियों की घोषणा तो करती है लेकिन मिलती बहुत कम लोगों को ह। आज भी प्रदेश व देश में बेरोजगारों की संख्या काफी अधिक है। बेरजगारी होने पर ही युवा गलत राह पर भटक जाता है। ऐसे में बजट चाहे केन्द्र का हो या रा'य का हमेशा युवाओं और रोजगार के अधिक अवसर सृजित करने पर आधारित होगा तभी वह श्रेष्ठ बजट कहलाएगा।
-संजय वैष्णव, युवा