जयपुर: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने संविधान की संस्कृति के प्रसार और राष्ट्र के विकास के लिए सभी से मिलकर कार्य करने का आह्वान किया है. राज्यपाल ने शनिवार को यहां एक सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुये कहा कि इसी से नई पीढ़ी भारतीय संस्कृति के उदात्त जीवन मूल्यों से प्रत्यक्ष जुड़ सकती है. उन्होंने कहा कि संविधान की मूल प्रति की शुरुआत में ही भगवान राम, सीता और लक्ष्मण का चित्र है, और नीति निर्देशक तत्वों से जुड़े अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण के गीता उपदेश के चित्र हैं. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार संविधान के विभिन्न भागों में भी महापुरुषों के चित्र हैं.
उन्होंने कहा कि अभी पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, ऐसे में हमें अपने अतीत से प्रेरणा लेते हुए भविष्य को संवारने का संकल्प लेना है. उन्होंने कहा कि हमें आजादी के लिए संघर्ष करने वाले और विभिन्न क्षेत्रों में देश का नाम रोशन करने वाले महापुरुषों के बारे में जानकर उनसे सीख लेने की जरूरत है. मिश्र ने कहा कि भारतीय संस्कृति में मानवता की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गयी है. कोविड महामारी के दौर में इसी भावना से चिकित्सकों, पुलिसकर्मियों और समाज सेवा से जुड़े लोगों ने कार्य किया और थमा हुआ जीवन फिर से पटरी पर लौट आया.
उन्होंने कहा कि जीवन में भी वही व्यक्ति निरंतर आगे बढ़ते हैं जो दूसरों के हित को ध्यान में रखते हुए कार्य करते हैं. राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में देश तेजी से हर क्षेत्र में विकास की ओर अग्रसर है. रक्षा, शिक्षा, उद्योग, खेल सहित सभी क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों को विश्व भर में सराहा जा रहा है.
इस अवसर पर राजस्थान लघु उद्योग विकास निगम के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि राज्य सरकार की विदेश हितैषी नीतियों से प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति मिली है और इसी क्रम में प्रदेश में आगामी 7-8 अक्टूबर को राजस्थान में 'इन्वेस्टर्स समिट' का आयोजन किया जा रहा है. मिश्र ने 'गोल्डन अचीवर्स' पत्रिका का लोकार्पण किया व कला, संस्कृति, उद्योग, खेल, शिक्षा, व्यवसाय, चिकित्सा, पर्यावरण आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभूतियों को सम्मानित किया.
न्यूज़ क्रेडिट: firstindianews