राजस्थान

सरकारी स्कूल के स्टूडेंट्स इंस्पायर अवार्ड में पिछड़ रहे

Harrison
28 Sep 2023 9:54 AM GMT
सरकारी स्कूल के स्टूडेंट्स इंस्पायर अवार्ड में पिछड़ रहे
x
राजस्थान | सरकारी स्कूल के स्टूडेंट्स इंस्पायर अवार्ड में पिछड़ रहे हैं। विद्यार्थियों को इस अवार्ड की श्रेणी में आगे लाने के लिए शिक्षा विभाग ने नवाचार शुरू किया है। इसके तहत 5वीं से आठवीं तक विद्यार्थियों को इस दायरे में लिया है। इससे प्रदेश के करीब 30 हजार से ज्यादा सरकारी विद्यालयों के स्टूडेंट्स काे फायदा मिलेगा। इस नवाचार के तहत विद्यार्थी घरों में ‎रद्दी पड़े सामान से विज्ञान के प्रोजेक्ट तैयार करेंगे। ‎इसको लेकर शिक्षा विभाग ने निर्देश भी जारी किया है। इसका मकसद बच्चों की वैज्ञानिक प्रतिभा को परखना है। इससे बच्चे नवाचार भी सीखेंगे और कबाड़ से जुगाड़ कर नए उपयोगी सामान का निर्माण भी कर ‎सकेंगे। सरकारी स्कूलों में कक्षा छह, सात व आठ के ‎विद्यार्थियों को नवाचार करने में प्रमुखता दी जाएगी।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अब तक यह मौका कक्षा 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों‎ को मिलता था, लेकिन अब मिडिल स्कूलों से ही‎ बच्चों में इसकी नींव डाली जाएगी ताकि बच्चे आगे ‎चलकर इंस्पायर मानक योजना आदि में बेहतर कर ‎सकें। ऐसे में मिडिल स्कूलों में बच्चों को नवाचार‎ का अभ्यास कराया जाएगा। ‎विभाग ने यह नवाचार सरकारी स्कूलों विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के लिए किया है। स्कूल शिक्षा परिषद ने स्कूलों में सबसे बेहतर नवाचार को करने वाले छात्रों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। स्कूलों में बच्चों को नवाचार करने के लिए प्रशिक्षकों की ओर से शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। शिक्षक विद्यार्थियों को इससे आसानी से नवाचार करा सकेंगे। शिक्षकों को छठी सातवीं और आठवीं के विज्ञान विषय के अध्याय का प्रयोग करना सिखाया जाएगा।
सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थी कबाड़ से जुगाड़ करके नवाचार करेंगे। कक्षा पांच से आठवीं तक के बच्चों को वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए यह शुरू किया है। - कानाराम, निदेशक शिक्षा विभाग
30 हजार स्कूलों में लागू होगा, शिक्षकों को भी देगें प्रशिक्षण
सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों में नई सोच विकसित हो सके इसके लिए प्रदेश के करीब 30 हजार व जिले के एक हजार से ज्यादा स्कूलों में इसे लागू किया जाएगा। इसमें विद्यार्थियों में विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान के नवाचार करने की सोच विकसित हो सकेगी। इन कक्षाओं के बच्चों में भी वैज्ञानिक सोच विकसित की जाएगी। बता दें कि हर साल इंस्पायर अवार्ड के लिए विद्यार्थियों से आवेदन लिए जाते हैं। इसमें जो विद्यार्थी अपनी कला से विज्ञान के प्रोजेक्ट बनाते हैं उन्हें जिला व राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाता है इसमें सरकारी विद्यालय के छात्रों से निजी विद्यालय के छात्र आगे निकल जाते हैं। इसलिए अब सरकारी विद्यालय के छात्र बेहतर कर सके इसके लिए यह तैयारी की जा रही है।
Next Story