बड़े चीरे व असहनीय दर्द से मिला छुटकारा, अब SMS में एडवांस्ड विदेशी रोबोट से वेंट्रल हर्निया की सफल सर्जरी
जयपुर: एसएमएस मेडिकल कॉलेज में एडवांस्ड विदेशी रोबोट से सफल सर्जरी होना शुरू हो गई है। देश के नामी अस्पतालों के बाद अब प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में अब सर्जरी रोबोट कर रहा है। हर्निया के सामान्य आॅपरेशन के बाद अब शनिवार को रोबोट की नई तकनीक से वेंट्रल हर्निया की सर्जरी भी रोबोट से की गई। रोबोट से सर्जरी का अनुभव एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों को कम होने के कारण दिल्ली के नामी निजी अस्पताल की टीम को जयपुर में बुलाया गया और उनके निर्देशन में यहां पर मरीज की वेंट्रल हर्निया की सर्जरी की। दिल्ली के निजी और एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों की कमांड पर रोबोट की सहायता से यह सर्जरी हुई।
क्या होता है वेंट्रल हर्निया
पेट की मांसपेशियां शरीर के ऑर्गन और इंटेस्टाइन को सही जगह रखने में मदद करती हैं। वेंट्रल हर्निया एब्डोमिनल वॉल मसल्स में होता है। हर्निया एब्डोमिनल वॉल में कहीं भी उभर सकते हैं। कु छ मामलों में हर्निया के इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। यह अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन अधिकतर मामलों में सर्जरी ही वेंट्रल हर्निया का एकमात्र इलाज है।
बड़े चीरे से राहत
हर्निया की सर्जरी पहले एसएमएस में ओपन और लेप्रोस्कोपिक की जाती थी। ओपन में बड़ा और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में छोटा चीरा लगता है। इससे मरीजों को भी पूरी तरह राहत नहीं मिल रही थी। एसएमएस के सर्जरी विभाग के डॉ.योगेन्द्र दाधीच ने बताया कि कई बार चिकित्सक उस स्थान पर पूरी तरह से नहीं पहुंच पाते थे, जहां पर सर्जरी की जानी है। रोबोटिक सर्जरी का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इसमें बहुत छोटा चीरा लगाया जाता है। इसमें रिकवरी भी एक ही दिन में जल्दी होती है।
असहनीय दर्द से मिला छुटकारा
रोबोट ऐसी जगह जहां पर डॉक्टर्स ओपन और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से नहीं पहुंच सकते हैं, वहां तक पहुंच जाते हैं। इससे चीरे को बड़ा करने और बार कट की समस्या से मुक्ति मिलती है। सर्जरी में दिल्ली के डॉक्टर्स के अलावा डॉ. प्रवीण जोशी, डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. संदीप, डॉ. सुनील चौहान, डॉ. कं चन, मनोज सोनी सहित नर्सिंग स्टाफ का सहयोग रहा।