हनुमानगढ़: हनुमानगढ़ घग्घर के गुल्लाचिक्का हैड पर पानी की आवक लगातार कम हो रही है। जबकि ओटू हैड से राजस्थान क्षेत्र के लिए प्रवाहित पानी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ओटू हैड से राजस्थान क्षेत्र में 17 जुलाई को 26975 क्यूसेक पानी चल रहा था। जिसे 18 जुलाई को बढ़ाकर 31275 क्यूसेक कर दिया गया। इस पानी का प्रबंधन करने में राजस्थान के अधिकारी जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि जिस तरह से नदी में पानी का प्रवाह हो रहा है, इसी गति से निरंतर चलने पर आगे पांच-छह दिनों में पानी पाक सीमा तक पहुंच जाएगा। नाली बेड में फिलहाल पांच हजार क्यूसेक पानी चला रहे हैं। बंधों को दुरुस्त कर इस बार इसमें करीब छह हजार क्यूसेक पानी चलाने की तैयारी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार 17 जुलाई को पानी चेतक प्वाइंट-12 जीजीबी तक पहुंच गया था।
आगे पांच-छह दिनों में पानी पाकिस्तन सीमा तक पहुंच जाएगा। लगातार बारह दिन नदी में पानी चलने पर पानी पाक तक पहुंचता है। इस वर्ष 11 जुलाई को नाली बेड में पानी छोड़ा गया है। इस हिसाब से 23 से 24 जुलाई तक पानी पड़ौसी मुल्क पाकिस्तान की सीमा तक पहुंच जाएगा। दूसरी तरफ घग्घर के अतिरिक्त पानी को इंदिरा गांधी फीडर में प्रवाहित करने के लिए खोले गए सभी गेट की सफाई अब पूरी हो चुकी है। बरसों पूर्व घग्घर की जीरो तथा फीडर की आरडी 629 पर बनाए गए इंटेक स्ट्रक्चर को चलाने के लिए एक सप्ताह से टीम जुटी हुई थी। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को स्ट्रक्चर के नौ गेट खुलवाकर उनमें से पानी शुरू करवा दिया। इंटेक स्ट्रक्चर के दस में से एक गेट अब भी जाम है। जिसे जल्द खुलवाने की बात अधिकारी कह रहे हैं। नो गेटों के खुलने से अब घग्घर से करीब 2300 क्यूसेक पानी इंदिरा गांधी फीडर में प्रवाहित हो रहा है। इससे जीडीसी (सेमनाले) व नाली बेड पर पानी का दबाब काफी कम होगा। करीब 2300 क्यूसेक पानी के डायवर्ट होने से बहुत बड़ा फायदा मिला है। अगर यह पानी डायवर्ट नहीं होता तो इसे नाली बेड में छोड़ना पड़ता। इससे नदी के निचले इलाके पीरकामड़िया, पन्नीवाली, शेरेकां व कमरानी के कमजोर बंधों को नुकसान पहुंच सकता था। इस तरह तात्कालिक खतरा टालने में इंटेक स्ट्रक्चर की भूमिका काफी अहम मान सकते हैं। अधिकारियों का कहना है लेवल ठीक रहने पर आईजीएनपी फीडर में दस हजार क्यूसेक पानी चला सकते हैं। उक्त फीडर की क्ष्मता करीब दस हजार क्यूसेक पानी चलाने की है।
पानी के सफर पर नजर
हिमाचल, पंजाब व हरियाणा के आसपास शिवालिक की पहाड़ियों से घग्घर में पानी का प्रवाह होता है। इस नदी में मारकंडा, कौशल्या, टांगड़ी, सरस्वती, नाडला, झांझरा, ओमला आदि नदियां मिल जाती है। काफी मात्रा में हरियाणा के ओटू हैड पर पानी का भंडारण कर लिया जाता है। इसके बाद राजस्थान में पानी छोड़ा जाता है। अनूपगढ़ के रास्ते घग्घर का पानी पाकिस्तान जाता है। अनूपगढ़ के रास्ते ही पानी पाक सीमा स्थित भेड़ताल पहुंचता है। इस नदी के प्राकृतिक बहाव क्षेत्र की बात करें तो नाली बेड राजस्थान भाग में छह बीघा चौड़ाई क्षेत्र में निर्धारित है। लेकिन हकीकत मेें अतिक्रमण की वजह से कहीं-कहीं एक बीघा भी इसका प्रवाह क्षेत्र नहीं बचा है।