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जयपुर | राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले गुरुवार शाम एबीपी सी वोटर का सर्वे आया। इस सर्वे रिपोर्ट के बाद सरकार का रिपीट होने का दावा करने वाली कांग्रेस को झटका लगा है। कांग्रेस इस सर्वे में राजस्थान में पार्टी पिछड़ रही है। जबकि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलना बताया जा रहा है। इस सर्वे रिपोर्ट के बाद कांग्रेस पार्टी में कुछ हद तक चिंता बढ़ी है। वहीं राजनीतिक गलियारों में भी कांग्रेस में हलचल मच गई हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार रिपीट होने का दावा करने वाले सीएम गहलोत और उनके मंत्री के दावे कहां तक सही है। ऐसे में सर्वे रिपोर्ट में पिछड़ी हुई कांग्रेस को कहीं ना कहीं एक बार फिर सचिन पायलट और उनके समर्थकों पूरी तरह तवज्जो देकर उनका साथ लेना होगा। तभी ही कांग्रेस सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी के बीच उनके अंतर को पाट पाएगी।
सर्वे में कांग्रेस पार्टी के लिए चौंकाने वाले आंकड़े आए। जहां एक और सरकार रिपीट करने का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी को महज 78 से 88 सीटों मिलने की बात सामने आई है। वहीं सर्वे में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत बताकर 109 से 119 सीटें मिलने की संभावनाएं बताई जा रही है। ऐसे में कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच सर्वे रिपोर्ट में जो सीटों का अंतर आ रहा है, वह करीबी है। ऐसे में इस अंतर को कैसे समाप्त किया जाए। इसको लेकर कांग्रेस आलाकमान और प्रदेश कांग्रेस को गहन चिंतन करने की जरूरत है। तब ही उनके सरकार के रिपीट होने का सपना पूरा हो सकेगा।
सरकार रिपीट होने का सपना देख रही कांग्रेस को अब बीजेपी के बीच चल रहे सीटों के अंतर को पाटने के लिए सचिन पायलट को पूरा तवज्जो देना होगा। इस विषय पर आलाकमान और प्रदेश कांग्रेस को गंभीरता से विचार कर सचिन पायलट को चुनावी रणनीति में पूरे विश्वास के साथ लेकर साथ चलना होगा। सर्वे के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो, कांग्रेस और बीजेपी के बीच अंतर कुछ ज्यादा नहीं है। सर्वे में केवल 20 से 25 सीटों का ही बीजेपी और कांग्रेस में अंतर बताया गया है। ऐसी स्थिति में अगर सचिन पायलट और उनके समर्थकों को साध लिया जाए तो, कांग्रेस की यह डगर आसान हो सकती है। कांग्रेस इस अंतर को समाप्त कर सरकार के रिपीट करवाने के काफी करीब पहुंच सकती है।
सर्वे के बाद अगर कांग्रेस इससे सबक लेकर सचिन पायलट को साथ ले तो, वह सरकार रिपीट करवाने के आंकड़े के काफी करीब पहुंच सकती है। बता दें कि राजस्थान में सचिन पायलट का गुर्जर नेता के तौर पर काफी प्रभाव है। इसके चलते प्रदेश की 40 सीटें ऐसी है। जिन पर सचिन पायलट का अच्छा खासा प्रभाव है। इनमें सवाई माधोपुर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, दौसा, करौली, भरतपुर समेत जिलों के कई ऐसे विधानसभा क्षेत्र है। जहां पायलट का अच्छा खासा प्रभाव है। जहां गुर्जर मतदाताओं का बाहुल्य है। जो चुनाव परिणाम निर्धारित करने में पर्याप्त शक्ति रखते हैं। बता दे कि गुर्जर समुदाय शुरू से बीजेपी का समर्थन करता रहा है। ऐसी स्थिति में यदि कांग्रेस पायलट को पक्ष में लेती है तो, कांग्रेस को गुर्जर बाहुल्य सीटों पर अच्छी बढ़त मिल सकती है।
सर्वे के बाद आलाकमान और प्रदेश कांग्रेस को सबक लेकर रणनीति में बदलाव करना होगा। सचिन पायलट और उनके समर्थकों को पूरा विश्वास दिलाना होगा कि उन्हें इस चुनाव में पूरा साथ और तवज्जो दिया जाएगा। उन्हें विश्वास दिलाना होगा कि पायलट को अब महत्वपूर्ण पद मिलेगा। इसके अलावा हर चुनावी रणनीति, चाहे टिकट वितरण हो। सभी में पायलट और उनके समर्थकों को महत्व देना होगा। इसके बाद ही कांग्रेस को पायलट समर्थित 40 सीटों से अच्छी बढ़त मिलने की संभावना है। जो सरकार के रिपीट होने के आंकड़े के काफी करीब है।
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