
जयपुर- राजस्थान के बूंदी जिले में स्थित रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघिन आरवीटी-2 को उसके 3 शावकों के साथ देखा गया है। रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र में लगाए गए ट्रैप कैमरे की तस्वीरों में बाघिन अपने 3 शावकों के साथ घूमती नजर आई। शावकों की उम्र करीब 2 से 4 महीने बताई जा रही है. इसके बाद वन विभाग शावकों की सुरक्षा के इंतजाम में जुट गया है। बाघिन और शावकों की लगातार निगरानी की जाएगी। डीएफओ संजीव शर्मा ने बताया- बाघिन आरवीटी-2 को पिछले साल 16 जुलाई को रणथंभौर से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व लाया गया था। ऐसे में शिफ्टिंग के एक साल के अंदर बच्चे को जन्म देने का यह राज्य में अनोखा मामला है। अब रामगढ़ विषधारी रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है।
राजस्थान राज्य वन्यजीव बोर्ड के सदस्य धीरेंद्र के गोधा ने कहा- राजस्थान में बाघों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी न केवल प्रदेशवासियों बल्कि देशवासियों के लिए भी खुशी की खबर है। पिछले हफ्ते सरिस्का में 2 शावकों की तस्वीरें सामने आई थीं। अब रामगढ़ विषधारी रिजर्व से शावकों के जन्म की खबर मिली है। इससे साफ पता चलता है कि राजस्थान सरकार बाघों के संरक्षण के लिए सही दिशा में काम कर रही है। इससे न केवल राजस्थान के जंगल आबाद रहेंगे, बल्कि राज्य के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। वन विभाग के एसीएस शिखर अग्रवाल ने भी ट्वीट कर रामगढ़ में शावकों की मौजूदगी पर खुशी जताई है। उन्होंने ट्वीट किया- 'लंबे इंतजार के बाद रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व से अच्छी खबर मिली है। बेगम तीन शावकों के साथ नजर आ रही हैं।
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व देश का 52वां टाइगर रिजर्व क्षेत्र है। इसका कुल क्षेत्रफल 150189.21 हेक्टेयर है। एक बाघिन आरवीटी-1 राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से अनुमति के बाद पिछले साढ़े तीन साल से यहां है, जबकि बाघिन आरवीटी-2 को पिछले साल 16 जुलाई को रणथंभौर टाइगर रिजर्व से यहां छोड़ा गया था। वहीं, अब आरवीटी-2 ने रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में तीन शावकों को जन्म देकर राज्य में बाघों का कुनबा बढ़ा दिया है।