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जयपुर। राजस्थान की कांग्रेस सरकार अब किसानो को किराये पर ड्रोन देने की तैयारी कर रही है। इससे किसानों को उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव में मदद मिलेगी। बता दें कि इससे राज्य के निम्न आय वर्ग के किसानों को किराये पर ड्रोन मिल सकेगा। आपको बता दें कि ये ड्रोन किसानों को कम समय और सीमित लागत में बड़े कृषि क्षेत्र में रसायनों का छिड़काव करने के साथ ही फसलों की निगरानी करने की सुविधा भी प्रदान करेंगे।
वहीं राज्य सरकार अगले दो साल में 'कस्टम हायरिंग सेंटर' पर करीब 1,500 ड्रोन उपलब्ध कराएगी। बता दें कि कस्टम हायरिंग सेंटर आधुनिक कृषि में काम आने वाली मशीनें किराये पर देती हैं। इसको लेकर कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, "कृषि संबंधी कार्यों के लिए दुनियाभर में कृत्रिम बुद्धिमता (AI) और ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ रहा है। दरअसल राजस्थान सरकार प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। जिससे कि किसान अपनी आय और उपज बढ़ा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि, "राज्य के प्रगतिशील किसानों ने खेती में ड्रोन का इस्तेमाल पहले ही शुरू कर दिया है। आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में ड्रोन की मांग और उपयोगिता में भारी वृद्धि होगी।"
वहीं इसके मद्देनजर गहलोत सरकार ने उन किसानों को किराये पर ड्रोन उपलब्ध कराने का फैसला किया है, जिनकी आय सीमित है और जो उन्नत एवं महंगे ड्रोन नहीं खरीद सकते हैं। मालूम हो कि पारंपरिक कृषि पद्धतियों में या तो हाथों से या फिर ट्रैक्टर पर लगे 'स्प्रेयर' की मदद से कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है। लेकिन 'स्प्रेयर' में अधिक मात्रा में कीटनाशक और पानी की जरूरत पड़ती है। इतना ही नहीं छिड़काव के दौरान 'स्प्रे' (पानी में घुले कीटनाशक) का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो जाता है।

Admin4
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