राजस्थान: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने स्क्रीनिंग कमेटी की घोषणा कर दी है. इस बार एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव के दौरान इस सबसे ताकतवर स्क्रीनिंग कमेटी की कमान राहुल गांधी के खास और भरोसेमंद युवा कांग्रेस नेता गौरव गोगोई को सौंपी है. गौरव गोगोई दरअसल असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे हैं। चुनावों में टिकट का वितरण किसी भी पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा ही किया जाता है जो चुनाव में सबसे शक्तिशाली मानी जाती है। ऐसे में गौरव गोगोई को इस समिति का अध्यक्ष नियुक्त करना संतुलन साधने की कोशिश हो सकती है. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अभिषेक दत्त को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे विधायक गणेश गोदियाल के साथ समिति का सदस्य बनाया गया है। आपको बता दें कि पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, सीएम अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और तीनों सह-प्रभारी सचिव काजी निजामुद्दीन, अमृता धवन और वीरेंद्र राठौड़ स्क्रीनिंग कमेटी में पदेन सदस्य होते हैं। नियुक्त किया गया
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पिछली बार की तरह इस बार भी स्क्रीनिंग कमेटी में दोबारा शामिल किया गया है. यानि इस बार भी टिकट वितरण में पायलट की बात का वजन रहेगा. कांग्रेस में चुनाव समितियों का गठन किया जा रहा है. इसके चलते प्रदेश चुनाव समिति का भी गठन किया गया। राजस्थान में सत्ता में वापसी के लिए गहलोत सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है. लोकलुभावन घोषणाएं हों या जमीनी तैयारी, पार्टी की ओर से प्रचार अभियान जारी है. विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति पहले ही की जा चुकी है, जो मधुसूदन मिस्त्री और पर्यवेक्षक सेंथिल हैं. वह राहुल गांधी के भी करीबी हैं.
इधर, राजस्थान के साथ-साथ इसी साल मध्य प्रदेश में भी चुनाव होने हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश में स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष जितेंद्र सिंह को नियुक्त किया गया है और अजय कुमार लल्लू और सप्तगिरी उलाका को कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया है. छत्तीसगढ़ में अजय माकन को स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. आपको बता दें कि राजस्थान के प्रभारी पद से हटाए जाने के बाद अजय माकन के पास कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं है. जिसके बाद अब ये जिम्मेदारी माकन को दी गई है. दरअसल, इन सभी राज्यों में साल के अंत में विधानसभा चुनाव हैं. कांग्रेस ने जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए रणनीतिक बिसात बिछानी शुरू कर दी है. इसके तहत पार्टी ने चुनावी राज्यों में स्क्रीनिंग कमेटियों की घोषणा की है.