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चित्तौड़गढ़ का गंगरार क्षेत्र चमड़े के उत्पादों के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां बड़ी संख्या में चमड़े की "मोजदीस" और अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं। अब इस उद्योग को राज्य सरकार की क्लस्टर योजना से जोड़ दिया गया है। व्यवसाय से जुड़े कारीगर को बाजार की पूरी जानकारी होनी चाहिए और वह अपने उत्पाद को ज्यादा से ज्यादा बाजार में ला सके। इसके लिए उद्योग विभाग ने एक नवाचार करते हुए हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन किया है। इसमें 30 स्टॉल लगाए गए हैं।
सृष्टि सेवा संस्थान के पदाधिकारी मनोज कुमार यादव ने बताया कि गंगरार क्षेत्र के चमड़ा व्यवसाय क्लस्टर को योजना से जोड़ा गया है. क्लस्टर डेवलपमेंट से जुड़ने के बाद पिछले 2 साल में आर्टिसन ने कई नए डिजाइन के उत्पाद तैयार किए हैं। उन्हीं उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिए यह हस्तशिल्प प्रदर्शनी व मेले का आयोजन किया गया है। यहां 30 स्टॉल लगाए गए हैं, जिन्हें महिलाएं संभाल रही हैं। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य इन सभी कारीगरों को बाजार से जोड़ना है. उनका लिंक बन जाए। अपने उत्पाद को बाजार में कैसे लाना है, खरीदारों से कैसे डील करना है, इन सबका ज्ञान होना चाहिए। इसीलिए उद्योग विभाग द्वारा इस आयोजन का आयोजन किया गया है।
उद्योग विभाग के महाप्रबंधक मोहित सिंह शेखावत ने बताया कि पद्मिनी होटल गार्डन में आयोजित यह हस्तकला प्रदर्शनी 17 जनवरी तक चलेगी। धीरे-धीरे लोग इससे जुड़ने लगे हैं। यहां के प्रोडक्ट्स को ग्राहकों द्वारा खूब पसंद भी किया जा रहा है। गंगरार में चमड़े का कारोबार काफी बढ़ गया है। देश-विदेश के लोग यहां के उत्पाद खासकर मोजड़ी के जूते पसंद करते हैं। यहां के चमड़े के उत्पाद इतने खास होने के बावजूद बाजार में इसे पूरी तरह से एक्सप्लोर नहीं किया गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस हस्तशिल्प मेले का आयोजन किया गया है।
HARRY
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