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डूंगरपुर। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली नोट छापकर बाजार में चलाने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है. जिसमें से दो आरोपी हिमांशु जैन और लोकेश यादव डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा क्षेत्र के रहने वाले हैं. इसमें लोकेश का हाल ही में तृतीय श्रेणी शिक्षक के रुप में चयन भी हो गया था लेकिन ज्वाइनिंग नहीं हुई थी. पुलिस के मुताबिक गिरोह का सरगना राजस्थान के नागौर के रहने वाले शकूर ने वेब सीरीज से आइडिया लेकर अपना एक गैंग बनाया. शकूर ने अपने गैंग में लोकेश, शिव, संजय और हिमांशु जैन जैसे लोगों को शामिल किया. फिर इन लोगों ने जाली नोट छापना शुरू कर दिया. जाली नोट को ये गैंग दिल्ली एनसीआर में भी बेचा करता था . यह लोग जाली नोट छोटे कारोबारियों को बेचा करते थे.
डूंगरपुर के सागवाड़ा का रहने वाला बी ए पास हिमांशु जैन शकूर और लोकेश के साथ मिलकर नकली नोटों के लिए ग्राहक तलाशता था. पुरणवास गांव में रहने वाले हिमांशु के पिता शांतिलाल गांव में खेती करते हैं. हिमांशु जैन ने अपने इस काले धंधे में सागवाड़ा तहसील के पादरा गांव के रहने वाले 28 साल के लोकेश यादव को भी गैंग में मिला लिया और उसको नोटों की डिलीवरी के लिए कस्टमर ढूंढना और शकूर के साथ डिलीवरी देने का काम दिया था.
लोकेश के पिता रंजीत यादव बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन में लेबर का काम करते हैं. उसके एक भाई और एक बहन है. लोकेश बीए बीएड है और गांव में ई-मित्र चलाता है. हाल ही में उसका तृतीय श्रेणी शिक्षक पद पर नियुक्ति भी हो गई है,लेकिन ज्वाइनिंग से पहले ही वह पकड़ा गया.
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