सीवरेज की समस्या से मिली मुक्ति, उद्यानों की भी सुधरी दशा
कोटा: सीवरेज की जिस समस्या से नये कोटा क्षेत्र के कुछ हिस्से के लोग सालों से जूझ रहे है उस सीवरेज की समस्या से कोटा नगर निगम दक्षिण के वार्ड 66 के लोगों को करीब करीब छुटकारा मिल चुका है। वार्डवासियों की माने तो पार्षद ने यहां के लोगों को इस समस्याओं सहित कई अन्य समस्याओं से भी निजात दिलवाई हैं। हां, ये बात जरूर है कि वार्ड में आज भी कई स्थानों पर आवारा मवेशियों का डेरा लगा रहता है जिससे राहगीरों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। नगर निगम दक्षिण के वार्ड नम्बर 66 में महावीर नगर सेक्टर-1 तथा महावीर नगर सेक्टर-2 के सत्येश्वर महादेव मंदिर, महाराणा प्रताप पार्क तथा गणगौर पार्क आदि इलाकें आते हैं। वार्ड के लगभग सभी गली-मौहल्ले में निगम और यूआईटी की ओर से कई विकास कार्य करवाये गए हैं। इन इलाकों के लोगों की माने तो वार्ड पार्षद के प्रतिनिधि रोजाना करीब 5 से 6 घंटे वार्ड में बिताते हैं और जैसे ही उन्हे निगम से जुड़ी कोई समस्या नजर आती है वो उसे सुलझाने का प्रयास करते हैं, यहीं कारण है कि यहां के लोगों को हर मूलभूत सुविधा समय पर मिल जाती है। वार्ड के कुछ लोगों का कहना है कि वार्ड में काम पहले भी हुए ही है लेकिन इस बार वार्ड पार्षद के अतिरिक्त प्रयासों से क्षेत्र में विकास के कार्य अधिक हुए हैं। क्षेत्र में काफी समस्या से सीवरेज की समस्या चली आ रही थी। बारिश के दिनों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था लेकिन अब सीवरेज का काम लगभग पूर्ण हो चुका है। वार्डवासी बताते है कि आवारा जानवरों की समस्या का समाधान करवा दिया जाये तो वार्ड लगभग समस्याओं से मुक्त हो जाएगा।
वार्ड के कुछ लोगों ने बताया कि वार्ड के कुछ हिस्सों में आवारा जानवरों के अलावा कुछ लोगों के किए अतिक्रमण भी है। लोगों ने थड़िया, गुमटियां आदि लगाकर यूआईटी की जमीन पर कब्जा किया हुआ है। लोगों का कहना है कि उन्हे उनकी शिकायतों को लेकर निगम जाने की भी जरूरत कभी-कभार ही पड़ती है वरना तो पार्षद को कहने के कुछ समय बाद ही उनकी शिकायतें दूर हो जाती है। पार्षद ने वार्ड के उद्यानों की दशा सुधार दी है। नालियों की कोई समस्या नहीं रही है। वार्ड पार्षद का कहना है कि उन्होंने वार्ड के लगभग हर नागरिक की समस्या को सुलझाने का प्रयास किया है। वे वार्ड के लोगों को निगम की ओर से दी जाने वाली हर सुविधा को दिलवाने का प्रयास करती हैं। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। समय-समय पर निगम की ओर से चलाई जाने वाली योजनाओं की जानकारी वार्ड के हर इंसान तक पहुंचाने का प्रयास करती है।
इनका कहना है: वार्ड में सीवरेज से जुड़े कार्य लगभग निपटा दिए हैं। वार्ड में 3-4 करोड़ रूपये के विकास कार्य स्वीकृत हुए थे। इनमें से कई पूर्ण हो चुके हैं, कई अन्तिम दौर में हैं। वार्ड में निगम, सार्वजनिक निर्माण विभाग और यूआईटी की ओर से करीब 5 किलोमीटर डामर की सड़कें बनवाई गई हैं। वार्ड में 5 पार्क हैं। इनमें से एक का कार्य करवा दिया गया है, 2 का चल रहा है और 2 के टेंडर प्रोसेस में हैं।
-शीला पाठक, वार्ड पार्षद।
वार्ड में कई कार्य हो चुके हैं, कई चल रहे हैं। हमारे यहां पार्क की स्थिति भी सुधरी है। सीवरेज की लाइन डल गई है। वार्ड की लगभग 70 प्रतिशत समस्याओं का समाधान हो चुकी है जो रही है उनका भी जल्द हो जाना चाहिए। वार्ड में घूम रहे आवारा मवेशियों के कारण काफी दिक्कत होती हैं। गाड़ियों का नुकसान होता है।
-गौरव योगी, वार्डवासी।
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वार्ड में सफाई व्यवस्था पहले की अपेक्षा बेहतर हुई है। नियमित रूप से सड़कों और गलियों की सफाई होती है। समय पर टिपर आते हैं जिससे वार्ड में कम ही स्थानों पर गंदगी नजर आती है। जहां आती है वहा के कारण भी खुद वार्डवासी ही हैं। नालियां अधिकांश मौकों पर साफ ही रहती है।
-करण कारवानी, वार्डवासी।