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जोधपुर। फैमिली किट योजना के तहत लॉटरी जीतने का झांसा देकर इनाम व चिटफंड योजना के तहत 36 लाख रुपए हड़पने के मामले में सरदारपुरा थाना पुलिस ने एक साल बाद आरोपी को गिरफ्तार किया। पुलिस अधिकारी जब्बरसिंह चारण ने बताया कि बॉम्बे मोटर्स सर्किल निवासी देवीदास पुत्र विशनदास सिंधी ने पिछले साल 12 सितंबर को धोखाधड़ी एवं चिटफंड एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप है कि देवीदास और अन्य ने एक चिटफंड कंपनी बनाई थी और फैमिली किट के तहत पुरस्कार पाने का लालच देकर लॉटरी योजना में निवेश कराया था।
देवीदास ने 36 लाख रुपये का निवेश किया था, लेकिन न तो लॉटरी खुली और न ही उन्हें कोई इनाम मिला. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की तो आरोप प्रमाणित पाए गए। तलाश शुरू की गई, लेकिन आरोपी नहीं मिला। इसी दौरान मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर जयपुर के साइंस पार्क निवासी रमेश कुमार अग्रवाल के पुत्र सन्नी माधोघड़िया को गिरफ्तार कर लिया गया. दो दिन की रिमांड के बाद बुधवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
दूसरी ओर, उपभोक्ता अदालत ने होम लोन की पूरी बकाया राशि जमा करने के बाद भी उपभोक्ता को अचल संपत्ति के मूल दस्तावेज नहीं देने को अनुचित व्यापार व्यवहार माना और बैंक को मुआवजे के रूप में 50,000 रुपये देने का आदेश दिया। घोड़ों का चौक निवासी राजेश सोलंकी ने अधिवक्ता सीपी चौहान के माध्यम से उपभोक्ता अदालत में परिवाद पेश कर बताया कि उसने अपने पिता के नाम पर 12 जनवरी 2008 को इलाहाबाद बैंक, बॉम्बे मोटर्स से 8.50 लाख रुपए का होम लोन लिया था। इसके लिए घर का मूल पट्टा, टाइटल डीड और अन्य मूल दस्तावेज बैंक के पास उचित बंधक के रूप में रखे जाने चाहिए। पूरा कर्ज साल 2016 में चुका दिया गया। बैंक ने शिकायतकर्ता को नो-ड्यूज सर्टिफिकेट भी जारी किया, लेकिन संपत्ति के वास्तविक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। बार-बार बैंक जाने के बावजूद बैंक कर्मचारी टालमटोल करते रहे।
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