राजस्थान

मेडिकल कॉलेज में ब्रेन स्टेम का चार घंटे चला ऑपरेशन, अब मरीज बिल्कुल ठीक

Admin4
3 April 2023 2:30 PM GMT
मेडिकल कॉलेज में ब्रेन स्टेम का चार घंटे चला ऑपरेशन, अब मरीज बिल्कुल ठीक
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कोटा। कोटा के मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी विभाग ने एक जटिल ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाने में सफलता हासिल की है। यह ऑपरेशन करना चुनौती पूर्ण था क्योंकि मरीज के ब्रेन स्टे में गांठ थी और यहीं से हार्ट और सांस की गति कंट्रोल होती है। न्यूरोसर्जन डॉ. एसएन गौत्तम ने बताया कि देहीत बूंदी के रहने वाले 58 साल के रामदत्त घांसी को ढ़ाई महीने से शरीर के बाएं हिस्से में कमजोरी, लकवा,सिर में दर्द ,चलने में असंतुलन ,उल्टी आना , गले से नीचे निगलने में परेशानी तथा आवाज़ में बदलाव के साथ भारीपन की समस्या थी। उसने मेडिकल कॉलेज न्यूरो सर्जन डॉ.एसएन गौत्तम को दिखाया।
चैकअप के बाद एमआरआई करवाई गई जिसमें उसके दिमाग के पीछे की तरफ ब्रेन स्टेम से जुड़ी हुई एक गांठ का होना पाया गया जो की लगभग चार बाई तीन सेमी की थी और दिमाग की लोवर क्रेनियल नर्व को एवं ब्रेन स्टेम को दबाए हुई थी । 11 मार्च को मरीज बीमारी की गंभीरता और इलाज के तरीकों को समझाने के बाद उसको एमबीएस अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया। मरीज की एमआरआई से कंफर्म हुआ कि यह एक गंभीर ब्रेन ट्यूमर था जिसको ऑपरेशन से निकाला जाना था। ब्रेन स्टेम में होने वाले ट्यूमर के ऑपरेशन बड़े ही जटिल होते हे और इसको अनुभवी और एडवांस सेंटर पर ही किया जाता है।
14 मार्च को न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने इस ट्यूमर का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया जोकि फिर से एक चुनौतीपूर्ण काम था, ऑपरेशन सफल रहा। ऑपरेशन में 2 यूनिट ब्लड लगा और ऑपरेशन 4 घंटे चला। मरीज के गांठ के टुकड़े की बायोप्सी में पता चला कि यह एक ब्रेन स्टेम एस्ट्रोसाइटोमा था। अभी मरीज पिछले 7 दिन से बिना ऑक्सीजन के है पूरी तरह से होश में है तथा आगे के ट्रिटमैंट के लिए रेडियोथेरेपी विभाग में भेज दिया जाएगा। ब्रेन स्टेम में ही दिल की गति तथा सांस की गति के नियंत्रण केंद्र होते हैं ऐसे में मरीज को बचाना बहुत चुनौतीपूर्ण था। मरीज का ऑपरेशन किया गया और ऑपरेशन के बाद ट्रेकियोस्टोमी करके 2 दिन वैंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया क्योंकि उसके फेफड़ों में भी संक्रमण हो रखा था। संक्रमण रोकने के लिए दवाइयां दी गई।
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