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जयपुर। सांगानेर में हनुमान मीणा की एक करोड़ रुपए की फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या करने वाले तीनों दोस्तों को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें सांगानेर थाना पुलिस को चार दिन के रिमांड पर सौंपा है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कैलाश चन्द्र विश्नोई ने बताया कि साजिश का मुख्य आरोपी एडवोकेट दिवाकर टांक ने खुद को बचाने के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। आरोपी दिवाकर 22 को अपहरण करने से दो दिन पहले 20 मई को बूंदी अपने ननिहाल चला गया। फिर 22 मई की तड़के ननिहाल में अपना मोबाइल छोड़कर कार से जयपुर के लिए रवाना हो गया। सभी टोल नाको से बचता हुआ और कच्चे रास्ते से होते हुए जयपुर पहुंचा, ताकि उसकी लोकेशन बूंदी में आए। 22 मई की सुबह हत्या करने के अगले दिन मृतक के परिवार के पास पहुंच गया और उनके साथ हनुमान की तलाश में जुटा रहा। वह सांगानेर थाने भी पहुंचा। यहां तक की बृजभान सिंह के मोबाइल से ही हनुमान को फोन कर फ्लैट पर बुलाया था। पकड़े जाने के बाद आरोपी दिवाकर साजिश में शामिल होने से इनकार कर दिया। लेकिन प्रताप नगर स्थित सन स्क्वायर अपार्टमेंट के सीसीटीवी कैमरे में आरोपी दिवाकर कैद हो गया। विश्नोई ने बताया कि आरोपी दिवाकर, बृजभान सिंह और बृजभान के भाई योगेन्द्र सिंह चौहान से पूछताछ की जा रही है।
डीसीपी ज्ञानचंद यादव ने बताया कि गिरफ्तार तीनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कि 10 दिन पहले फ्लैट में किससे झगड़ा हुआ था। हालांकि आरोपी दिवाकर ने 15 दिन पहले हत्या के बाद शव के बांधने के लिए लोहे के दो बाट खरीद लिए थे। फ्लैट किराए पर देने से पहले मकान मालिक ने पुलिस वेरिफिकेशन करवाया या नहीं, इसकी भी अनुसंधान में जुटी टीम जांच कर रही है।
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