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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की क्षेत्रीय योजना 2041 में समाहित नीतियों और प्रस्तावों के क्रियान्वयन (Rajasthan Sub Regional Infrastructure Development Board) के लिए राज्य सरकार ने राजस्थान सब रीजनल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड का गठन किया है
जयपुर. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की क्षेत्रीय योजना 2041 में समाहित नीतियों और प्रस्तावों के क्रियान्वयन (Rajasthan Sub Regional Infrastructure Development Board) के लिए राज्य सरकार ने राजस्थान सब रीजनल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड का गठन किया है. इस संबंध में नगरीय विकास विभाग ने रविवार को आदेश जारी किए. गठित बोर्ड का प्रशासनिक विभाग नगरीय विकास विभाग होगा. वहीं तिजारा विधानसभा के विधायक संदीप यादव को इस बोर्ड का अध्यक्ष (mla sandeep yadav board president) बनाया गया है.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राजस्थान उपक्षेत्र में अलवर और भरतपुर जिले शामिल हैं. इसके मूल उद्देश्यों को पाने में आ रही समस्याओं के मद्देनजर विभागों, कार्यकारी एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए एक बोर्ड का गठन किया गया है. दरअसल, अलवर और भरतपुर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तेजी से हो रहे शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण नगरीय क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के संसाधनों और मूलभूत सुविधाओं पर अतिरिक्त दबाव महसूस किया जा रहा है.
ऐसे में इस क्षेत्र के संतुलित विकास के लिए संसाधनों का बेहतर प्रबंधन जरूरी है. जिससे सुव्यवस्थित और सुनियोजित विकास हो. इसके लिए सभी उत्तरदायी विभागों और निर्वाचित प्रतिनिधियों का एक संयुक्त प्लेटफार्म स्थापित किया गया है. जो कि समय-समय पर राजस्थान उप क्षेत्र के क्षेत्रीय विकास और समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सुझाव देंगे.
बोर्ड में ये होंगे सदस्य: राजस्थान सब रीजनल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड में अध्यक्ष राज्य सरकार की ओर से तिजारा विधायक संदीप यादव को मनोनीत किया गया है. वहीं सदस्य के रूप में जिला कलेक्टर अलवर, जिला कलेक्टर भरतपुर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी भिवाड़ी, सचिव नगर विकास न्यास भरतपुर शामिल होंगे. साथ ही आयुक्त नगर परिषद अलवर, आयुक्त नगर निगम भरतपुर, आयुक्त नगर परिषद भिवाड़ी और सदस्य सचिव के रूप मे मुख्य नगर नियोजक (एनसीआर) भी सदस्य के रूप मं शामिल होंगे.
बोर्ड का ये होगा कार्य क्षेत्र : बोर्ड का कार्यक्षेत्र मुख्यरुप से राजस्थान उप क्षेत्र के विकास के लिए संबंधित विभागों में आपसी समन्वय स्थापित करना होगा. राजस्थान उप क्षेत्र में जल सरंक्षण, पेयजल प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण, सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के लिए राज्य सरकार को सुझाव पेश करना होगा. साथ ही राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर जारी निर्देशों की पालना सुनिश्चित कराना होगा. बोर्ड की कम से कम 3 महीने में एक बार बैठक आयोजित करना जरूरी होगा.
सोर्स- etv bharat hindi
Rani Sahu
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