वन विभाग ने वन क्षेत्रों में प्लास्टिक के उपयोग पर सख्त पाबन्दी लगाई
अलवर: वन विभाग ने राष्ट्रीय उद्यानों, बाघ अभयारण्यों, वन्यजीव अभयारण्यों और संरक्षण रिजर्वों में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब इन क्षेत्रों में प्लास्टिक या पॉलिथीन कैरी बैग, पाउच और प्लास्टिक की बोतलें, डिब्बे और सभी प्रकार की प्लास्टिक पैकेजिंग में उपलब्ध खाद्य सामग्री नहीं ले जाई जाएगी। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत यह आदेश जारी किया है. जिसमें सभी प्रभारी अधिकारियों को इस आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है.
पिछले कुछ दिनों में अलवर के भूरासिद्ध हनुमान मंदिर के पास चार सांभरों की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम में इन सभी सांभरों के पेट में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक पाया गया, जिसे मौत का कारण माना गया। इस खबर को राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद यहां सफाई अभियान चलाया गया और यहां गार्ड भी नियुक्त किए गए हैं, जो लोगों को प्लास्टिक का उपयोग करने से रोक रहे हैं.
विभाग ने आदेश में यह लिखा है:
- टिकट खिड़की, प्रवेश द्वार, धार्मिक स्थलों पर प्लास्टिक का उपयोग न करने के हिंदी और अंग्रेजी में साइनबोर्ड लगाए जाएं
-गाइड, रिक्शा चालक, जीप-जिप्सी-कैंटर चालक, होटल मैनेजर या मालिक के साथ ही संस्थाओं और ट्रस्टों के प्रतिनिधियों को इस आदेश की जानकारी दें ताकि वे पर्यटकों को इसके बारे में बताएं.
- होटल प्रबंधकों और मालिकों से संपर्क कर अपने रिसेप्शन पर प्लास्टिक प्रतिबंध का नोटिस लगाएं ताकि पर्यटकों को होटल में ही इसके बारे में जानकारी मिल सके।
- राष्ट्रीय उद्यानों, टाइगर रिजर्व, वन्यजीव अभयारण्यों और संरक्षण रिजर्व में प्रवेश करने से पहले पर्यटकों को सूचित किया जाना चाहिए, ताकि वे प्रतिबंधित वस्तुएं अंदर न ले जाएं।