सवाई माधोपुर: वन विभाग एक ओर अवैध खनन रोकने की बात करता है। वहीं वनाधिकारियों की शह पर रणथम्भौर नेशनल पार्क में खनन करने का मामला सामने आया है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार हाल ही रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के मुख्य जोन में वन विभाग की ओर से खनन किया गया। यहां जोन नम्बर तीन और चार के बीच स्थित पद्म तालाब की पाल से मिट्टी खोदी गई। जहां एक ओर वन विभाग की ओर से अवैध खनन की रोकथाम के दावे किए जाते हैं, वहीं खुद विभाग ने ही खनन किया।
दो बाघिनों की टेरेटरी के बीच चली मशीनें
रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में हाल ही बाघिन रिद्धि और ऐरोहैड ने शावकों को जन्म दिया था। जिस जगह से मिट्टी का खनन किया गया, वह जगह इन दोनों बाघिनों की टेरेटरी के बीच स्थित है। जिसके चलते बाघिनों के डिस्टर्ब होने की संभावना थी। जिसे वन विभाग की ओर से दरकिनार कर दिया गया।
बाघिनों के शावक देने वाले इलाके में टूरिज्म पर लगती है रोक
नियमानुसार जिस इलाके में बाघिन ने शावकों को जन्म दिया जाता है। वहां पर मानव आधारित सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी जाती है। रणथम्भौर जिस इलाके में बाघिन शावकों को जन्म देती है, उस इलाके में टूरिज्म पर रोक तक लगा दी जाती है। ऐसे में वन विभाग की ओर इतनी बड़ी लापरवाही समझ से परे है।